सुप्रीम कोर्ट में सोमवार, 22 जुलाई को नीट यूजी 2024 को रद्द करने की मांग वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा- पेपर लीक के स्पष्ट सबूत नहीं हैं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचू, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सोमवार, 22 जुलाई को नीट यूजी 2024 को रद्द करने की मांग वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। बेंच द्वारा आज इस मुद्दे पर फाइनल फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है।
नीट मुद्दे पर लोकसभा में सवाल-जवाब
विपक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान नीट पेपर लीक मामले पर सवाल उठाए। एक सांसद ने पूछा कि नीट परीक्षा रद्द क्यों नहीं हुई?
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा- पेपर लीक के स्पष्ट सबूत नहीं हैं। सिर्फ एक मामला सामने आया है। बिहार पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी इसकी जांच कर रही है। कुछ जगहों पर गड़बड़ी हुई है। पिछले 7 साल में कोई पेपर लीक नहीं हुआ।
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा- सरकार किसी चीज का रिकॉर्ड बनाए न बनाए, लेकिन पेपर लीक का रिकॉर्ड जरूर बनाएगी। लगातार लोग पकड़े जा रहे हैं, जेल भेजे जा रहे हैं। सीटें 30 हजार हैं और कई सेंटर्स से 2-2 हजार बच्चे पास हो गए?
शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई जारी है। सरकार कुछ छिपा नहीं रही है। मेरा स्टैंड राजनीति नहीं करना है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा- हमारे शिक्षा मंत्री खुद को छोड़कर सभी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हमारा एग्जामिनेशन सिस्टम में पेपर लीक गंभीर मुद्दा है। ये छात्रों के भविष्य का मुद्दा है। मंत्री जी बताएं पेपर लीक कैसे रुकेगा?
शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा- देश की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को चुना है, उन्होंने मुझे जिम्मेदारी सौंपी है। पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाना गलत है। सिर्फ चिल्लाने से सवाल सच नहीं हो जाएगा। पेपर लीक पर हमारी सरकार ने कानून बनाया है। नेता प्रतिपक्ष का कुछ नहीं हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद NTA ने जारी किया सेंटर वाइज रिजल्ट
18 जुलाई को पिछली सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने कहा था कि किसी के द्वारा पेपर लीक करने का उद्देश्य NEET का राष्ट्रीय तमाशा बनाना नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “वे पैसे के लिए ऐसा कर रहे थे।” सीजेआई ने यह भी कहा कि नीट को नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी आदेश इस ठोस आधार पर होना चाहिए कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हो। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को सभी छात्रों के परिणाम शहर-वार और केंद्र-वार प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया था, जिसे एजेंसी ने शनिवार को प्रत्येक केंद्र के लिए ड्रॉप-डाउन मेनू प्रारूप में जारी किया।