मुंगेली/ हर वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा का त्योहार अपने गुरु के प्रति आस्था और प्रेम भाव प्रगट करने का महापर्व होता है। हमारे शास्त्रों में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा रखा गया है। इसी उद्देश्य को बच्चों में परिलक्षित करने के उद्देश्य से पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेमरी में गुरु पूर्णिमा उत्सव भारतीय संस्कृति और परंपरा अनुसार माँ सरस्वती की विधिवत पूजा कर, बच्चों को प्रसाद वितरित कर सभी शिक्षकों द्वारा इस पर्व की महत्वता को बता धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व की विशेषता को बताते हुवे प्रधान पाठक उमेश पांडये ने कहा कि हिंदू परंपरा में गुरु हमेशा से ही पूजनीय माने गए हैं। गुरु के दिए ज्ञान से हमें जीवन में सत्य-असत्य, धर्म-अर्धम, पाप-पुण्य, सही-गलत का ज्ञान मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि वेद व्यास की जयंती पर ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। शिक्षक सबीरुद्दीन शेख ने बताया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता, सफलता और सुख-शांति गुरु के द्वारा दिखाए गए सच्चे मार्ग पर चलने से ही प्राप्त होता है। गुरु पर्व की महत्वता को बताते हुवे शिक्षक परमेश्वर देवांगन ने कहा कि गुरु शब्द के अर्थ बहुआयामी हैं, इसको किसी भी परिधि में बांधा नहीं जा सकता। गुरु जीवन की आवश्यकता नहीं अनिवार्यता है। गुरु केवल आधात्मिक उन्नति का साधन नहीं है, गुरु जीवन के सर्वांगीण विकास के मूल में हैं। इस अवसर पर प्रधान-पाठक उमेश पांडेय, शिक्षक सबीरुद्दीन शेख, रामपाल सिंह, परमेश्वर देवांगन, प्रेमदास वैष्णव, आशीष ठाकुर, शिक्षिका लता बंजारे, शालनी साहू सहित स्कूल परिवार के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे।