रायपुर/बिलासपुर/ प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए परिसीमन की प्रक्रिया जारी है। यह प्रक्रिया 183 निकायों में से 80-90 में ही हो रही है। इस क्रम में रायपुर नगर निगम का परिसीमन हो गया है। इसमें ज्यादातर वार्डों के नंबर और तस्वीर बदल गई है। 2 वार्ड तो पूरी तरह से अलग-अलग गुरुवार को प्रकाशित परिसीमन में पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड-35 को खत्म कर दिया गया। यहां कांग्रेस से एमआईसी सदस्य आकाश तिवारी पार्षद हैं। इस वार्ड को दो टुकड़े में बांटकर आबादी गुरुगोविंद सिंह वार्ड और लाल बहादुर शास्त्री वार्ड में शिफ्ट कर दी गई।
इसके अलावा महात्मा गांधी वार्ड भी खत्म हो गया है। यहां भाजपा के प्रमोद साहू पार्षद और जोन अध्यक्ष हैं। इनके पंडरी और देवेंद्र नगर वाले वार्ड को आसपास के वार्डों में मर्ज कर दिया गया। शंकर नगर, शक्ति नगर सहित आसपास के इलाके को महात्मा वार्ड बना दिया गया है।
इसके अलावा कांग्रेस की जोन अध्यक्ष निशा देवेंद्र यादव के शहीद पंकज विक्रम वार्ड के 70% से ज्यादा हिस्से को मौलाना अब्दुल रऊफ और शहीद राजीव पांडे वार्ड में मर्ज कर दिया गया। महापौर एजाज ढेबर के समीकरण भी गड़बड़ा गए हैं, क्योंकि उनके मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड में शैलेंद्र नगर और टैगोर नगर को जोड़ दिया गया है। सभापति प्रमोद दुबे के वार्ड बैरन बाजार में सिविल लाइन के कुछ वोटर्स शामिल किए गए हैं। एससी आरक्षित पं. विद्याचरण शुक्ल वार्ड 51 को बदलकर 50 कर दिया गया है।
पुराने पं. विद्याचरण शुक्ल वार्ड के एससी बहुल क्षेत्र को काटकर सामान्य बनाया गया है। यहां से कांग्रेस के धनेश बंजारे राणा पार्षद हैं। विशेष समुदाय बहुल शहीद राजीव पांडे वार्ड में सामान्य मतदाताओं वाले हिस्से को जोड़ दिया गया है।
बंजारी माता वार्ड के एमआईसी सदस्य नागभूषण राव यादव के वार्ड के बीच से वोटर्स को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जबकि वार्ड के किनारे से जनसंख्या को काटा जाता है। इस तरह सभी 70 वार्डों में फेरबदल किया गया है।
बता दें कि रायपुर नगर निगम में कुल 13 एमआईसी सदस्य और 10 जोन अध्यक्ष आते हैं। इनमें से एक एमआईसी सदस्य और एक जोन अध्यक्ष का वार्ड लगभग खत्म हो गया है। दोनों वार्डों से कांग्रेस के सदस्यों का प्रतिनिधित्व है।
अब चुनाव आयोग बनवाएगा वोटर लिस्ट
परिसीमन पूरा हो जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग वार्डों की वोटरलिस्ट बनाने का कार्यक्रम घोषित करेगा। लोगों को बूथों पर नाम जुड़वाने जाना होगा। वहां सरकारी अमला इस काम के लिए तैनात रहेगा। मतदाता नाम जुड़वाने के अलावा तय फार्म में नाम कटवाने, संशोधित करवाने व स्थानांतरित करवाने की प्रक्रिया भी पूरी कर सकते हैं। वोटरलिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन बूथों पर भी किया जाएगा ताकि लोग दावा आपत्ति कर सकें।