बिलासपुर/ सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ बीएड डिग्रीधारकों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पीटिशन को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसमें बीएड शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त किया गया है। इस मामले में शासन की अपील पर 28 अगस्त को सुनवाई होगी। लिहाजा, शासन को हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार नियुक्ति करनी होगी। हालांकि, शासन ने अभी तक हाईकोर्ट के आदेश पर अमल नहीं किया है।
देवेश शर्मा ने दायर की थी रिव्यू पीटिशन
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को शिक्षकों की भर्ती को लेकर दायर याचिका पर बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में भर्ती के लिए अयोग्य और असंवैधानिक माना था। साथ ही डीएलएड डिप्लोमाधारियों को ही प्राइमरी स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्ति देने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ बीएड डिग्रीधारी देवेश शर्मा ने रिव्यू पीटिशन दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू याचिका को खारिज कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में अयोग्य शिक्षकों की कर दी नियुक्ति
छत्तीसगढ़ में भी शिक्षक भर्ती 2023 में यह विवाद चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले मे यह साफ कहा है कि 11 अगस्त के फैसले के बाद बीएड को अपाइंटमेंट नहीं दिया जा सकता, जबकि छत्तीसगढ़ देश में केवल इकलौता राज्य है, जहां बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक के पद पर की गई नियुक्ति 11 अगस्त के बाद की है।
बीएड वाले अवैध रूप से नौकरी कर रहे
विभाग ने सहायक अध्यापक पद के लिए 20 सितंबर 2023 के बाद प्रथम नियुक्ति पत्र दिया है। डिप्लोमा धारकों का कहना है कि सहायक अध्यापक पद पर सिर्फ डिप्लोमा धारकों का ही अधिकार है। इसमें बीएड डिग्रीधारक अवैध रूप से नौकरी कर रहे हैं।