जशपुरनगर/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि रेडी टू ईट योजना फिर से महिला स्वसहायता समूहों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने यह घोषणा अपने दो दिवसीय जशपुर दौरे के दौरान की। मुख्यमंत्री साय ने मंगलवार की सुबह बगिया निवास स्थित श्रीराम सदन में 59 कब्जाधारियों को वनभूमि के पट्टे सौंपे।
इसके बाद मुख्यमंत्री जिले के ग्राम बंदरचुंआ में आयोजित मेगा शिक्षक पालक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने मंच से कहा कि इस स्कूल में मैं पहले भी आ चुका हूं। मेरी पत्नी हर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस यहीं मनाती हैं। उन्होंने कहा शिक्षा का बड़ा महत्व है और विद्वानों ने इसे विकास का मूलमंत्र बताया है। शिक्षा केवल नौकरी पाने के लिए नहीं है, बल्कि जीवन को पूर्ण बनाने के लिए जरूरी है। शिक्षा के कारण हमारा देश विश्वगुरु कहलाता था औरनालंदा और तक्षशिला में दुनियाभर से विद्यार्थी आते थे। मेगा पालक-शिक्षक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने छात्रों और उनके पालकों से बातचीत की।
नई शिक्षा नीति से डिग्री, संस्कार और रोजगार मिलेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति बहुत दिनों तक चली, लेकिन अब समय के साथ बदलते परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। यह युवाओं और बच्चों में डिग्री, संस्कार और रोजगार के लिए कौशल विकास का काम करेगी।
मीडिया के सवाल पर कहा-प्रदेश में फिलहाल नए जिले नहीं बनेंगे
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए जिले बनाने की फिलहाल योजना नहीं है। मुख्यमंत्री साय ने जशपुर में 500 सीटर और कुनकुरी में 200 सीटर नालंदा परिसर खोलने की बात की। उन्होंने बन्दरचूंवा में सर्व सुविधायुक्त बस स्टैंड, प्राथमिक शाला से छेराघोघरा के लिए स्ट्रीट लाइट, बंदरचुंवा दोनों मंदिरों के जीर्णोद्धार का भी ऐलान किया। इसके अलावा उन्होंने बन्दरचूंवा में एक मिनी स्टेडियम और छात्रावास को 50 सीट से बढ़ाकर 100 सीट करने की घोषणा की।