रायपुर/ बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या और मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर सर्व हिंदू समाज ने बुधवार को आक्रोश रैली निकाली। इसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोग शामिल हुए। तेलीबांधा तालाब से राजभवन तक रैली निकालकर विरोध जताया। राजभवन से कुछ दूरी पर सुरक्षाकर्मियों ने रैली को रोक दिया। तब इसमें शामिल लोग सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल रामेन डेका के माध्यम से राजभवन में आवेदन दिया।
बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए
हिन्दू समाज ने मांग की है कि, बांग्लादेश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाया जाए। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल और यूरोपीय यूनियन व ह्यूमन राइट्स आर्गनाइजेशन में मुद्दा उठाने, बांग्लादेशी हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराने, बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार से बात करने और हिंदुओं को भारत में बसाने और सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिया को भारत से बाहर निकाला जाए।
बांग्लादेश के हिन्दुओं को भारत लाया जाए
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत मंत्री घनश्याम चौधरी ने कहा कि, बांग्लादेश में जो घटनाएं घटी है, वहां सिर्फ हिंदू के ऊपर दिखाया अत्याचार किया गया है। बच्चे, बुजुर्ग, महिला, पुरुष, किसी को भी नहीं छोड़ा गया। इस दर्दनाक स्थिति को देखकर देश के हिंदू समाज आक्रोशित है। आज बांग्लादेश में हिंदू समाज के सनातनियों को इस प्रकार का दंश झेलना पड़ रहा है। इसके विरोध में सनातन हिंदू समाज का प्रतिनिधि-मण्डल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांगे रखी है। बांग्लादेश में सनातनियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
बांग्लादेश के हिन्दू जो भारत आना चाहते है। उन्हें यहां लाना चाहिए, क्योंकि भारत देश की आजादी के लिए जो लड़ाई लड़ी गई थी। उसमें बांग्लादेश के लोग भी शामिल थे। ऐसे में वहां के हिन्दुओं का मुख्य अधिकार भारत में रहने का बनता है।
भारत सेवा आश्रम के स्वामी शिवरूपानंद ने कहा कि, बांग्लादेश की घटना अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना ने दोबारा मानव जाति को झकझोर कर रख दिया है। हिंदुओं की निर्ममता पूर्वक हत्या, लूटपाट की घटना हो रही है। मंदिर तोड़े जा रहे हैं। इसके विरोध में आज राजधानी रायपुर में प्रदर्शन किया है। हमने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दों को उठाएं।