बिलासपुर/ के सिम्स मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में मेडिकल इंटर्न्स के साथ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामले में सरकार ने चुप्पी साध लिया है,मामला बिलासपुर के मेडिकल इंटर्न्स के साथ का है जहां इंटर्न्स के साथ सिम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने अपने साथ काम करने वाले मेडिकल इंटर्न्स के साथ यौन उत्पीड़न किया और धमकी देकर की इंटर्नशिप एक्सटेंशन नहीं करेगा। इस मामले की शिकायत सरकार से और ज़िला प्रशासन से किया गया फिर भी अभी तक जाँच जाँच का खेल चल रहा है और इंटर्न्स को न्याय नहीं मिला,सरकार शायद इंटर्न्स के साथ न्याय नहीं करना चाहती है और इस घटना को बहुत महत्व नहीं दे रही है।बीजेपी की सरकार में अभी केवल छह माह ही हुआ है और सरकार ने विधानसभा में बताया है कि केवल बिलासपुर में छह माह में एक सौ तीस से ज्यादा घटनाएँ रेप की हो चुकी है।
बिलासपुर में मासूम बच्चियों के साथ भी दुष्कर्म की घटनाएँ हुई है और लज्जारहित सरकार इन घटनाओं की रोकथाम नही कर पा रही है और बिलासपुर में बेटियाँ और महिलाएँ सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है।आये दिन कहीं न कहीं रेप की घटनाएँ सरकार क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
सिम्स की घटना जिसमे बिस्तर को शेयर करने की बात आयी है एक डॉक्टर द्वारा,ये कितनी शर्मनाक घटना है और एसे में जब कि मेडिकल इंटर्न्स सुरक्षित नहीं है तो मरीज किस विश्वास से हॉस्पिटल में आयेंगे और मरीज़ों के परिजन कैसे सुरक्षित रहेंगे।हॉस्पिटल में लोगो का इलाज होता है मजबूरी में लोग हॉस्पिटल में आते है मरीज़ों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाएगा तो कैसे स्वास्थ्य सेवाएँ अच्छे से चल सकेंगी।सिम्स में डॉक्टर के खिलाफ साहस दिखाकर लिखित शिकायत किया गया यानि कितना अत्याचार पहले हो चुका है उसके बाद इंटर्न्स ने ये कदम उठाया होगा फिर भी सरकार और प्रशासन इसके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है यानि बीजेपी सरकार जो महतारी वंदन योजना चलाती है वो बस एक दिखावा है असलियत में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है सरकार में ये बिलासपुर में दिख रहा है।
सरकार को मेडिकल इंटर्न्स के साथ न्याय करना चाहिए और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण देना चाहिए और शहर के डॉक्टर्स को भी इस समय मेडिकल इंटर्न्स का साथ देकर उन्हें मानसिक मजबूती देने की जरूरत है।