3 हजार लोगों की नियुक्ति का रास्ता साफ: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्राइमरी शिक्षक पद पर डीएड के बजाय बीएड वालों की नियुक्ति की, ये अवैध

बिलासपुर/ प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षक के पदों पर डीएड डिग्री वाले करीब 3 हजार लोगों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अप्रैल में दिए गए फैसले के खिलाफ बीएड अभ्यर्थियों और राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी। इससे जुड़ा सुप्रीम कोर्ट का 28 अगस्त को दिया गया फैसला बुधवार को जारी किया गया। इसमें जस्टिस सुधांशु धुलिया के नेतृत्व वाली डिवीजन बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया।

शीर्ष अदालत ने सवाल किया- देवेश शर्मा के मामले में दिए गए फैसले की कॉपी राज्य शासन (मुख्य सचिव) को भेजे जाने के बाद भी बीएड वालों की नियुक्ति की गई, यह अवैध है। बता दें कि 2 अप्रैल 2024 को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती में बीएड करने वाले उम्मीदवारों की नियुक्तियां निरस्त कर दी थीं। इसके साथ ही सरकार को 6 सप्ताह में पुनरीक्षित चयन सूची जारी करने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई गई थी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ शासन ने सहायक शिक्षकों के करीब 6500 पदों पर भर्ती के लिए 4 मई 2023 को विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा (भर्ती तथा शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2019 में संशोधन की सूचना दी गई थी। इसके अनुसार सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए स्नातक के साथ बीएड और डीएड अनिवार्य योग्यता रखी गई। 10 जून 2023 को परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें बीएड और डीएड करने वाले अभ्यर्थी शामिल हुए।

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