सरगुजा/ छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित एलुमिना प्लांट में हादसे मामले में प्लांट संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रविवार देर रात मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। रविवार को मां कुदरगढ़ी प्लांट में कोयला लोड हॉपर गिरने से 4 मजदूरों की मौत हो गई।
एसपी योगेश पटेल ने कहा कोयला लोड हॉपर क्यों गिरा, इसकी जांच विशेषज्ञों से कराई जाएगी।
ये लापरवाही मिली फैक्ट्री में
- प्लांट में करीब 300 मजदूर काम करते हैं, लेकिन सेफ्टी मैनेजर पद नहीं है।
- रेस्क्यू के दौरान मजदूरों को यात्री गाड़ी से लाया गया। एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं मिली।
- फैक्ट्री का संचालन का जिम्मा ठेके पर दिया गया था, लेकिन मशीनरी क्षमता की जानकारी नहीं दी गई।
- हादसे में मारे गए मजदूर MP और बिहार केसिलसिला में संचालित प्लांट में हादसा कोयले से लोड हॉपर और करीब 150 फीट बेल्ट गिरने से हुआ है। हॉपर गिरने से 7 मजदूर दब गए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 4 मजदूरों की डेड बॉडी मिली। वहीं 3 लोगों को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अंबिकापुर में भर्ती किया गया है। इसमें से एक की हालत गंभीर है।
- प्रिंस राजपूत (22)- मंडला, मध्यप्रदेश
- मनोज सिंह (35)- नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश
- करणवीर मांझी (20)- गया, बिहार
- रमेश्वर माझी (30)- गया, बिहार
हादसे में तीन मजदूर घायल हो गए हैं। इनमें आकाश चंद्रवंशी के सिर, हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया है। दो मजदूरों महिपाल और अनमोल की हालत खतरे से बाहर है।आज होगा शवों का पोस्टमॉर्टममजदूरों के शवों का पोस्टमॉर्टम सोमवार को किया जाएगा। मजदूरों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने मृत परिजनों के परिजनों को मुआवजा दिलाने और शवों को घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।CM ने कहा- दोषियों पर होगी कार्रवाईसरगुजा हादसे पर मुख्यमंत्री साय ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि, हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि, घायल मजदूरों के बेहतर उपचार के निर्देश दिए गए हैं। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए और परिजनों को संबल प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।मौके पर पहुंचे विधायक ने कहा-लापरवाही की मिली है जानकारीतकनीकी पहलुओं की होगी जांच फैक्ट्री में कार्य करने वाले श्रमिकों ने बताया कि जो हॉपर गिरा है, उसमें पहले कोयला एवं भूसा मिक्स कर डाला जाता था। 01 सितंबर से एलुमिना का उत्पादन बढ़ाने के लिए हॉपर में सिर्फ कोयला डाला जाने लगा।माना जा रहा है कि सिर्फ कोयला डालने से हॉपर ओवरलोड हो गया। इसके चलते बेल्ट शुरू होते की हॉपर गिर गया। पुलिस द्वारा हॉपर ओवर-लोडिंग और स्ट्रक्चर फेलियर की जांच कराई जाएगी। मामले में लापरवाही मिली तो फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज होगा।मजदूरों ने ही संभाला रेस्क्यू ऑपरेशनहादसे के बाद कोई ऐसी टीम नही थी जिसे रेस्क्यू ऑपरेशन का अनुभव हो। झारखंड से आए मजदूर ही अपने साथियों को बचाने में जी-जान लगाकर कूद पड़े। उनका सहयोग साथी इंजीनियर भी कर रहे थे लेकिन उन्हें भी इस बारे में कोई अनुभव नहीं था। प्रशासन को देर से सूचना मिलने के कारण एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को नहीं बुलाया जा सका।रेस्क्यू के लिए गैस कटर का भी इस्तेमाल किया गया।सेफ्टी मैनेजर जैसा कोई पद नहींप्लांट में मैनपाट से लाए गए बॉक्साइट से एलुमिना बनाया जाता है। एल्युमिनियम प्लांट में लगभग 300 मजदूर काम करते हैं। बड़े-बड़े बॉयलर और मशीन लगी हुई है। सेफ्टी मैनेजर के बारे में जब जानकारी मांगी गई, तब पता चला यहां ऐसा कोई पद नहीं है। घायलों को बोलेरो में भेजा गया। डेढ़ बजे जब पुलिस और प्रशासन की टीम प्लांट पंहुची तब एंबुलेंस भी बुलाई गई।मृतकों को नहीं मिलेगा सरकारी मुआवजा लुंड्रा तहसीलदार ईश्वर चंद्र यादव ने बताया कि मां कुदरगढ़ एलुमिनियम प्लांट के संचालक सुनील अग्रवाल हैं। शासन स्तर पर मृतकों को मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि वे दूसरे राज्य के निवासी हैं। फैक्ट्री संचालक द्वारा मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।