हिन्दी पखवाड़ा के उपलक्ष्य में हुआ आंचलिक कवि सम्मेलन

बिलासपुर/ कविता चौपाटी से के तत्वाधान में दिनांक 15 सितंबर 2024 को रिवर व्यू में तिरंगे झण्डे के नीचे एक आंचलिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अवसर था कविता चौपाटी से की 50 वी कड़ी में शहर के व्यंग्यकार राजेन्द्र मौर्य की दो कविताओं का अनावरण एवं जनकपुर (मनेन्द्रगढ़) की कहानीकार आरती राय की कहानी संग्रह” गौरैया” के विमोचन का। श्री राजेन्द्र मौर्य की दो कविताओं का अनवरण का अध्यक्षता डॉ. गिरधर शर्मा ने की एवं परिचय महेश श्रीवास व शिशिर मौर्य ने दिया।

कहानी संग्रह गौरैया का विमोचन करते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती रश्मिलता मिश्रा ने कविता चौपाटी के स्थान रिवर व्यू के प्राकृतिक सौंदर्य पर अपने उद्‌गार व्यक्त किये उन्होंने कहा कि साहित्य-साहित्यकारो का प्रकृति से व परिस्थिति से घनिष्ठ संबंध रहता है। मुख्य अतिथि के आसंदी से डॉ. आरती झा ने कहा की, गौरैया पुस्तक में छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह है जो आरती राय की कलम का बेजोड़ नमूना प्रस्तुत करता है। विशेष रूप से उपस्थित डॉ. गिरधर शर्मा ने इस अवसर पर अजय शर्मा, डॉ. सुधाकर बिबे, महेश श्रीवास एवं राजेन्द्र मौर्य को गेरूआ रंग का कुर्ता पैजामा सम्मान स्परूप भेट किया और कहा कि यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।

आंचलिक कवि सम्मेलन में सर्वश्री मीर अली मीर रायपुर, नरेन्द्र मिश्र धड़कन चिरमिरी, रामचरित द्विवेदी मनेन्द्रगढ़, राकेश पाण्डेय हिरी माइंस, सतीश पाण्डेय बिलासपुर, श्रीमती रचनापाल एनटीपीसी सीपत, श्रीमती पुर्णिमा तिवारी बिलासपुर, श्रीमती आरती राय जनकपुर ने अपने अपने गीत गजल व श्रृंगार की कविताओं से श्रोताओं को बांधे रखा। कवि सम्मेलन का सफल संचालन शहर के व्यंग्यकार राजेन्द्र मौर्य ने किया तथा आभार व्यक्त श्री राघवेन्द्रधर दिवान ने किया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में दिनेश तिवारी, राकेश खरे, डॉ. मंतराम यादव, उमाशंकर मिश्र, कुमार संतोष शर्मा, सत्येन्द्र कुमार तिवारी, श्रीमती शोभा दुबे, डॉ. सुधाकर बिबे, एडवोकेट किरण, आर के परमार, श्रीमती अन्नपूर्णा सिंह पवार, डॉ. सुरेश सिंह, श्रीमती भूनेश्वरी सोनी, सामाजिक लाल, द्वारिका वैष्णव, शैलेन्द्र गुप्ता, बुधराम यादव, बसंत पाण्डेय, मयंक दुबे, किशोरी साहु, केवलकुष्ण पाठक, श्रीमती कमलेश पाठक, श्रीमती मधु मौर्य, अंजली मौर्य, ओमप्रकाश भट्ट, मो. शाजिद, विपुल तिवारी, श्रीमती रश्मि अग्रवाल, आकांक्षा द्विवेदी, चंद्रप्रकाश, रामेश्वर पाल, साक्षी तिवारी, नरेन्द्र कुमार, एम. पार्थ, आरके परमार शिशिर मौर्य का सराहनीय योगदान रहा।

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