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AG ने 2 अफसरों के खिलाफ CS को लिखा पत्र: बिलासपुर में EE ने अपनी जगह दूसरे को भेजा ऑफिस, पोल खुलते ही भड़के AG

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बिलासपुर/ हाईकोर्ट में जवाब देने के लिए जल संसाधन विभाग के EE ने अपनी जगह दूसरे EE को OIC बनाकर भेज दिया। जब महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने दूसरे EE से केस की जानकारी मांगी, तब वो मुंह ताकने लगा। इससे नाराज महाधिवक्ता (एजी) ने दोनों अफसरों पर कार्रवाई करने के लिए मुख्य सचिव (सीएस) को पत्र लिखा है।

दरअसल, हाईकोर्ट में किसी भी विभागीय मामलों में याचिका दाखिल होने पर सबंधित विभाग के जानकार अफसर को केस का ऑफिसर इंचार्ज (OIC) बनाया जाता है। ताकि वह महाधिवक्ता कार्यालय के लॉ अफसर को केस की पूरी जानकारी दे सके।

ऐसे ही जल संसाधन विभाग के एक केस में दुर्ग जिले के तांदुला डिवीजन के EE सुरेश कुमार पांडेय को OIC बनाया गया था। लेकिन, उन्होंने अपनी जगह कोरबा के EE प्रदीप कुमार वासनिक को ऑफिसर इंचार्ज बनाकर भेज दिया।

ऐसे खुला गड़बड़ी का राज

जब प्रदीप कुमार वासनिक ऑफिसर इंचार्ज सुरेश पांडेय बनकर हाईकोर्ट के महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे, तब लॉ अफसरों ने उन्हें फाइल थमा दी। इसके बाद केस के सिलसिले में जानकारी मांगने लगे। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब जरूरी दस्तावेज मांगे तब EE वासनिक कुछ नहीं बता सके।

आखिरकार उन्होंने स्वीकार किया कि वे जवाब फाइल कराने के लिए सुरेश कुमार पांडेय बनकर महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे हैं। जबकि, वो EE प्रदीप वासनिक हैं।

नाराज AG ने कार्रवाई के लिए CS को लिखा पत्र

विभाग के दोनों अफसरों की लापरवाही सामने आने पर महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत नाराज हो गए। उन्होंने इस गड़बड़ी के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि यह गंभीर चूक है। इससे राज्य शासन को नुकसान भी हो सकता है। दो जिम्मेदार अफसरों द्वारा की गई इस धोखाधड़ी के कारण जवाब भी फाइल नहीं हो सका है।

एजी ने लिखा है कि जल संसाधन विभाग के दोनों अफसर सुरेश कुमार पांडेय और प्रदीप वासनिक का कृत्य न केवल न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के बराबर है बल्कि धोखाधड़ी भी है। जो भारतीय न्याय संहिता-2023 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है।

जानिए क्या है पूरा मामला

जल संसाधन विभाग की रिट याचिकाओं की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में शासन द्वारा नियुक्त संबंधित विभाग के ओआइसी को महाधिवक्ता कार्यालय ने जवाब दावा बनवाने के लिए सूचना दी थी।

सुरेश कुमार पांडे, ईई डब्ल्यूआरडी, तांदुला डिवीजन दुर्ग को राज्य शासन ने सभी मामलों में प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया है। 25 जनवरी 2024 को फाइल संबंधित प्रभारी अधिकारी को आवंटित की गई थी और उसके बाद 25 सितंबर को जवाब-दावा तैयार किया गया था।

OIC को नहीं भेजने पर FIR की चेतावनी

महाधिवक्ता ने चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि राज्य शासन द्वारा विभागवार नियुक्तOIC ही रिटर्न फाइल कराने के लिए महाधिवक्ता कार्यालय आएंगे। किसी अन्य व्यक्ति को रिटर्न फाइल कराने आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। निर्देश का उल्लंघन करने पर संबंधित के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319 के प्रावधानों के तहत एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

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