हाईकोर्ट का फैसला : पिता ने 11 साल तक मुकदमा लड़कर बेटे के दो हत्यारों को दिलाई उम्रकैद

बिलासपुर। सवारी उठाने के विवाद पर युवा बेटे एवं उसके साथी की निर्मम हत्या करने के आरोपियों को सत्र न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया था। इसके खिलाफ पिता ने हाईकोर्ट में 11 वर्ष तक मुकदमा लड़कर चार में से दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई है। रायपुर के पचपेड़ी नाका में 2 जनवरी 2011 को लाग्विन बार के पास एक गुट के लोगों ने दो लोगों की पिटाई कर दी थी। इसमें मनोज मिश्रा और कीर्ति चौबे की मौत हो गई थी। 

जांच के बाद पुलिस ने पाया कि सवारी लेने के विवाद पर आटो चालक संघ के अनिल देवांगन, राजेश मित्रा, दुर्गेश देवांगन व राजकुमार सेन से विवाद हुआ था। पुलिस ने 3 जनवरी को आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात में प्रयुक्त बेस बॉल, चाकू एवं अन्य हथियार, खून से सना कपड़ा एवं अन्य सामान जब्त किया था। आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट में कोई चश्मदीद गवाह नहीं आने से अदालत ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया था।

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