बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा- धार्मिक ग्रंथों में पत्नी के बिना पति का यज्ञ अधूरा रह जाता है। ऐसे में लंबे समय तक पति के धार्मिक मान्यताओं का अपमान करना मानसिक क्रूरता है। ऐसे में पति अपनी पत्नी से तलाक पाने के लिए हकदार है। इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने वाली ईसाई पत्नी को दिए तलाक को सही ठहराया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज कर दी है। मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय जायसवाल की बेंच में हुई।
ईसाई धर्म को मानने वाली पत्नी लगातार हिंदू धर्म का मजाक उड़ाती थी। इससे आहत होकर पति ने तलाक दे दिया था। पत्नी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी।