• सहायिका गायब कर अन्य पर्यवेक्षकों को भेज की जा रही धमकाने की कोशिश
• कतियापारा सेक्टर में एक ही आंगनवाड़ी में तीन-तीन सहायिकाओं के पदस्थ करने के बाद संचालन को बिगाड़ने की गई साजिश
• 25 साल के सेटअप को पार्षद की अनुशंसा के हुक्म मानने किया गया षड्यंत्र
बिलासपुर। शहरी क्षेत्र अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग में नई परियोजना अधिकारी दीप्ति साहू,पटेल के पदस्थ होने के बाद उनके दुर्व्यवहार और प्रताड़ना से क्षुब्ध सुपरवाइजरो वीआरएस ले लिया है। अब उसके बाद बदहाल व्यवस्था में संचालित हो रहे परियोजना में कुछ आंगनवाड़ी के 25 वर्षों के सेटअप को बिगाड़ने की नीयत से सहायिकाओं के अन्यत्र आंगनवाड़ी ट्रांसफर करने की साजिश रची गई जिससे आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन प्रभावित हो। अब ऐसे में फरार अनुपस्थित,अन्यत्र अथवा फरार सहायिकाओं के कारण बंद रह रहे आंगनवाड़ी केंद्र में सोंची समझी रणनीति के तहत अन्यत्र ब्लॉक से सुपरवाइजर भेज अकस्मात निरीक्षण,वीडियोग्राफी, फ़ोटो लिया जा रहा है ताकि संवंधित आंगनवाड़ी को बंद बता कारण बताओ नोटिस अथवा कार्यवाही के लिए कारण बनाया जाए।
हालांकि बिलासपुर शहरी क्षेत्र में पदस्थ परियोजना अधिकारी के बर्ताव,साजिश की सम्पूर्ण जानकारी जिला प्रशासन एवं स्वयं महिला एवं बाल विकास मंत्री के समक्ष भी की जा चुकी है। अब हिदायत के बावजूद सुधार न होने और विभागीय कार्यवाही के भय से शहरी क्षेत्र की परियोजना अधिकारी टारगेट किए आंगनवाड़ी केंद्र में रोज नए नए हथकंडे अपना प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है। बावजूद जिला एवं महिला बाल विकास अधिकारी मूकबधिर, नतमस्तक मुद्रा में अपनी उलझनों को ही समेटते नजर आ रहे हैं।
मंत्री बंगले शिकायतों के बाद दी गई थी हिदायत…
लगातार परियोजना अधिकारी के नियम विरुद्ध कार्यवाही और वर्षो की व्यवस्था बिगाड़ने की शिकायत जब स्वयं महिला एवं बाल विकास मंत्री के जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष की गई तब शहरी परियोजना की अधिकारी को हिदायत एवं समझाइश दी गई बावजूद उनके रवैय्ये में कोई सुधार नही देखा जा रहा है।
पूरे सेटअप बदलने की है जरूरत…
बता दें महिला एवं बाल विकास विभाग बिलासपुर पिछले दस वर्षों से अधिकारियों, कर्मचारियों के भ्रष्टाचार, अनियमितताओं के लिए सुर्खियों में रहा है। हाल ही में हुए दो तीन जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों की बैठकों में जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी को कड़ी फटकार भी लगाई गई बावजूद उनके बर्ताव में कोई सुधार नही आ रहा है। कुछ दिनों पूर्व महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय के समक्ष कार्यकर्ताओ के संघ से भी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के बदतमीजी के चलते धरने पर बैठने कार्यवाही के वीडियो वायरल हुई शिकायते हुई। अब देखना यह है कि महज तीन-चार महीनों में ही बिलासपुर शहरी क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों एवं शहरी परियोजना अधिकारी के लगातार दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना की हो रही शिकायतो में क्या कार्यवाही होती है।