रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी को रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई ने दोनों आरोपियों की दुबारा रिमांड मांगी, जिसका बचाव पक्ष ने विरोध किया। जिसके बाद कोर्ट ने टामन सिंह सोनवानी और एसके गोयल को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब दोनों आरोपी 7 दिसंबर तक जेल में रहेंगे। एक हप्ते पहले उन्हें और एसके गोयल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
करीबी रिश्तेदारों को नियुक्ति देने का आरोप
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित इस घोटाले के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन के तत्कालीन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे पदों पर नियुक्ति देने के आरोप हैं। मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी।
171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी
CGPSC परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था। भर्ती के लिए कुल पद थे 171 थे। प्री एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद आई मेंस एग्जाम की बारी। 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मेंस परीक्षा कराई गई। जिसमें कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए। इनको इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। जिसके बाद 11 मई 2023 को परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ। 170 अभ्यर्थियों का इसमें फाइनल सिलेक्शन हुआ।
बड़े पदों पर अपनों की नियुक्ति के आरोप
हाई कोर्ट में दायर याचिका में PSC के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच करीबियों की नियुक्ति के बारे में बताया गया है। इनकी लिस्ट सौंपी गई है। अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सोनवानी के अपने परिवार, उनके करीबी रिश्तेदारों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे बड़े और ताकतवर पदों के लिए चुना गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के कुछ बड़े अधिकारियों के बच्चों को भी आबकारी, श्रम विभाग में ऊंचे ओहदों पर नियुक्त कर दिया गया।