बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ नान घोटाला केस के आरोपी और पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अब हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई है। याचिका की सुनवाई के लिए गुरुवार को जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की सिंगल बेंच में लिस्टेड किया गया है। बता दें कि उनकी अग्रिम जमानत आवेदन को रायपुर की विशेष कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
दरअसल, 4 नवंबर को EOW ने सतीश चंद्र वर्मा के अलावा रिटायर्ड आईएएस डॉ आलोक शुक्ला और रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। आरोप है कि तीनों पर प्रभावों का दुरुपयोग कर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। इसी मामले में 2019 में ईडी ने भी केस दर्ज किया है, जिसकी जांच चल रही है। पूर्व महाधिवक्ता पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन अफसरों के साथ मिलकर आरोपियों को बचाने आपराधिक षडयंत्र किया है। यह भी आरोप है कि उन्होंने दोनों आरोपी अफसर और जज के बीच संपर्क बनाए हुए थे।
स्पेशल कोर्ट से खारिज हो चुकी है अग्रिम जमानत पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने EOW की एफआईआर के बाद अग्रिम जमानत के लिए रायपुर की स्पेशल कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जिसमें उन्होंने गिरफ्तारी से पहले जमानत देने की मांग की थी। इस दौरान लंबी बहस चली, जिसके बाद स्पेशल कोर्ट की जज निधि शर्मा ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज करते हुए कहा कि अपराध में आरोपी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिनके सहयोग के बिना अपराधिक षडयंत्र को अंजाम देना संभव नहीं था।
गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट का सहारा गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व AG वर्मा ने अब हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। इसमें EOW पर झूठे आपराधिक केस में फंसाने का आरोप लगाया गया है। साथ ही अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया है। उनकी याचिका को सुनवाई के लिए जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की बेंच में लिस्टेट किया गया है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हो सकती है।