साय सरकार के एक साल : सरकारी कामकाज में आई पारदर्शिता, आर्थिक विकास को मिली गति

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल में विकास योजनाओं के लिए कई बड़े निर्णय लिए हैं। जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में कई प्रोजेक्ट्स में तेजी से काम किया जा रहा है। सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने में सरकार की पहल कारगर साबित हो रही है। जिससे राज्य की आर्थिक विकास की गति को रफ्तार मिल रही है। विभिन्न प्राधिकरणों के लिए बजट के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरुरी आवश्यकताओं को प्रतिबद्धता के साथ पूरा किया जा रहा है। 

आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राजधानी क्षेत्र और संबंधित प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। इसके लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है। आवास और पर्यावरण विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष की बजट में 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा उच्च शिक्षा मिशन की स्थापना की जाएगी। जिसके तहत IIT की तर्ज पर जशपुर, बस्तर, कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण किया जाएगा। 

आबकारी नीति में आई पारदर्शिता, घपले-घोटालों पर लगा विराम

पूर्ववर्ती सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन कर लाइसेंस का नया नियम बनाकर शराब घोटाला किया गया था। नकली होलोग्राम के जरिये बिना स्कैनिंग के बिकने वाली शराब तैयार की गई थी। वर्ष 2019- 2022 तक 2161 करोड़ रुपये का शराब घोटाला किया गया है। इस संबंध में ईडी और एसीबी की कार्रवाई जारी है। विदेशी शराब के थोक बिक्री और भंडारण के लिए पूर्व में प्रचलित एफएल 10 एबी लाइसेंस की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। वहीं अब सरकार ने सीधे विनिर्माता इकाईयों से विदेशी शराब की थोक बिक्री करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में प्रति टन कोयला की आवाजाही पर 25 रुपए की अवैध उगाही कर 540 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। ईडी और एसीबी ने इस संबंध में कई लोगों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। खनिजों के परिवहन में पारदर्शिता के लिए खनिज परिवहन के लिए ऑनलाइन ई-ट्रांजिट पास जारी करने की व्यवस्था पुनः प्रारंभ की गई है। 

भूमि- मकान के पंजीयन में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा 

भूमि-मकान के पंजीयन के समय ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा शुरू की गई है। पक्षकारों को घर बैठे ही संपत्ति के क्रय-विक्रय संबंधी पंजीयन की सुविधा की गई है। जिससे मध्यम वर्ग को संपत्ति रजिस्ट्री में बड़ी राहत मिलेगी। अब गाइड लाइन मूल्य पर ही रजिस्ट्री शुल्क लगेगा। राज्य सरकार ने लोगों को धोखाधड़ी से बचाने और संपत्ति की रजिस्ट्री की ऑनलाइन सुविधा देने के लिए सुगम एप लांच किया गया है। पंजीयन में परदर्शिता लाने के लिए पंजीयन विभाग में ऑनलाइन सर्च और नकल की सुविधा से रजिस्ट्री की जानकारी और सत्यापित प्रति घर बैठे ऑनलाइन प्राप्त की जा सकती है। भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक के उपयोग को मंजूरी दी गई है।

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