मुंगेली। जिले के निर्माणाधीन कुसुम प्लांट में बड़ा हादसा हुआ है। जिले के निर्माणाधीन कुसुम प्लांट में बड़ा हादसा हुआ है। यहां चिमनी गिरने से 01 मजदूर की मौत हो गई है। हादसे में गंभीर रूप से घायल मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई। बिलासपुर के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान पहले मजदूर का नाम नाम मनोज कुमार धृतलहरे है।
वहीं गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति का इलाज चल रहा है। 15-20 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की बात सामने आ रही है। प्रशासन के अनुसार मलबे में कुल छह लोग दबे थे, जिसमें दो लोग गंभीर घायलों को इलाज के लिये बिलासपुर भेजा गया था, जिसमें से एक की मौत हो गई, वहीं एक का इलाज चल रहा है।
चार लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। मलबा हटाने का काम जारी है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिये रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह घटना सरगांव थाना इलाके के रामबोड क्षेत्र की है।
घटना की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई है। आस-पास के जिलों से भी प्रशासन की टीम पहुंच रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है। बताया जाता है कि प्लांट में लोहे की पाइप बनाई जा रही थी तभी ये हादसा हो गया।
फिलहाल बचाव कार्य जारी है। सूचना पर स्थानीय ग्रामीण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। सभी बचाव कार्य में लगे हैं। मलबे को हटाने का काम जारी है।
आस-पास के जिलों बिलासपुर, पेंड्रा, रायगढ़ और जांजगीर चांपा से आपदा एवं प्रबंधन टीम को बुलाई गई है। जिले के सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिये कहा गया है।
बताया जाता है कि जब हादसा हुआ, उस समय मजदूर लंच कर रहे थे। प्लांट में पाइप बनाने की फैक्ट्री तैयार की जा रही थी।
मुंगेली एसपी भोजराज पटेल ने बताया कि पुलिस प्रशासन और प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है। फिलहाल कितने लोगों के दबे होने की जानकारी पर उन्होंने मलबा हटने के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो पाना बताया। आपदा प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर बचाव कार्य में लगी है।
लापरवाही का लगा आरोप
घटनास्थल पर स्थानीय लोग और मजदूर बड़ी संख्या में जुटे हुए हैं। उनकी मांग है कि मलबे से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाए। हादसे की उच्च स्तरीय जांच की जाए। दोषियों पर कार्रवाई की जाए। हादसे में प्रभावित परिवारों को मुआवजा भी दिया जाए। स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए प्लांट प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना कि मशीनों स्ट्रक्चर के समय पर जांच और मरम्मत नहीं की गई। प्लांट को शुरू करने के लिये जल्दबाजी की गई।