BJP में 24 घंटे के अंदर गरियाबंद में अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बदला…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 24 घंटे के अंदर अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया। पहले घोषित किए उम्मीदवार प्रशांत मानिकपुरी का नाम वापस लेकर पार्टी ने रिखी राम यादव को उम्मीदवार बना दिया है। इस बदलाव के पीछे कार्यकर्ताओं की नाराजगी और पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी को बड़ी वजह माना जा रहा है।

बढ़ने लगा था असंतोष

सूत्रों के मुताबिक प्रशांत मानिकपुरी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ने लगा था. कई वरिष्ठ और युवा कार्यकर्ताओं ने खुलकर इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। मानिकपुरी का चुनावी रिकॉर्ड कमजोर होने के चलते कार्यकर्ताओं का मानना था कि यह निर्णय आगामी चुनावों में पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

संघ परिवार का भरोसेमंद चेहरा है रिखी राम
रिखी राम यादव संघ परिवार के करीबी माने जाते हैं, कार्यकर्ताओं के लिए एक लोकप्रिय और भरोसेमंद चेहरा हैं. वे पहले पार्षद रह चुके हैं और स्थानीय राजनीति में उनकी गहरी पकड़ है। पार्टी ने कार्यकर्ताओं और जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यादव को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया।

इस घटनाक्रम ने भाजपा के भीतर की गुटबाजी और दबाव की राजनीति को भी उजागर कर दिया है। मानिकपुरी गुट को यह फैसला रास नहीं आया है, लेकिन पार्टी को कार्यकर्ताओं के समर्थन को प्राथमिकता देते हुए अपना फैसला बदलना पड़ा।

इस बदलाव को भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। स्थानीय चुनावों के पहले पार्टी अपनी छवि मजबूत करना चाहती है।

गरियाबंद में यादव समाज बहुलता के मामले में दूसरे नंबर पर आता है और यादव का नाम आगे करके कार्यकर्ताओं का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ता है।

-पार्टी ने संभाला डैमेज कंट्रोल

भाजपा का यह कदम बताता है कि स्थानीय राजनीति में कार्यकर्ताओं और जनता की भावनाएं कितनी अहम हैं. इस बदलाव ने जहां रिखी राम यादव को मजबूत किया है, वहीं पार्टी के लिए यह चुनौती भी पेश की है कि वह अपनी गुटबाजी को कैसे संभालेगी

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