• पति पत्नी को आरोपी बना करोड़ो इन्वेस्टमेंट कराने वाले रायपुर में घूम रहे बेखौफ
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• पति-पत्नी के नाम से बनाई कंपनी में बतौर डायरेक्टर बड़े बड़े अधिकारियों से भी कराई गई फंडिंग,असली राजदार करोड़ों का चूना लगाने के बाद राजधानी में है एक अधिकारी के सरंक्षण में मौजूद
• मुंगेली, कोरबा, रायपुर, रायगढ़, बसना, सहित अनेक जगहों से रकम दुगुना का झांसा देने वाला कथित डायरेक्टर को खोज रहे निवेशक
• अपने रिश्तेदार ल,करीबियों सहित मालदार लोगों से खेला पैसा डबल करने का खेल, लगा दिया करोड़ों का चूना
बिलासपुर। सरकंडा क्षेत्र में रहने वाली प्रभा मिश्रा और उनके पति मानस रंजन मिश्रा पर करोड़ो के धोखाधड़ी का आरोप और गिरफ्तारी के बाद मानो पुलिस ने यह समझ मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया कि हमने सब उजागर कर दिया है, मगर जमीनी हकीकत कुछ और है।
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इस कंपनी के संचालन में हालांकि दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर मानस रंजन मिश्रा और प्रभा मिश्रा को आरोपी बनाया गया मगर इस पूरे कंपनी के करोड़ो रूपये जमा कराया गया उसमें राज्य सरकार के कुछ क्लास वन अधिकारी,तत्कालीन डिप्टी कलेक्टरों एवं उनके मुंहलगे लोगो द्वारा ही बाजार से करोड़ो रूपये की फंडिंग ली गई। जिसमे प्रामाणिक तौर पर करोड़ो रूपये निवेश किए लोग आज भी असली राजदारों को बेनकाब करने पुलिस के सामने आने तैयार भी हैं,बावजूद पुलिस द्वारा अब इस मामले पर आगे कोई कार्यवाही नही की जा रही है। यह सिलसिला सरकंडा थाना क्षेत्र में पिछले 4-5 सालों से त्वरित निदान माइक्रो फाउंडेशन नाम की फाइनेंसिंग कंपनी के नाम से चलता रहा। कम्पनी के कुछ इनवेस्ट करने के लिए भारत सरकार के कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय में भी लोगों को झांसे में लेने रजिस्टर्ड कराया गया था। इस कम्पनी के पास ऐंजल इन्वेस्टर्स, वेंचर कैपिटल व इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स से पैसे लेने की मान्यता भी थी।लेकिन इन्होंने बीते कुछ सालों में सैकड़ों लोगों से पैसे नगद, चेक एवं अन्य माध्यमों से इस कंपनी के अलावा एपी वेंचर्स नामक कम्पनी में कई प्रकार के वादे कर के इन्वेस्ट कराए थे. इन्होंने लोगों से वादा किया था कि वो उनके रुपये को एक साल में डबल कर देंगे। ऐसे ही एक इन्वेस्टमेंट का शिकार एक झांसे में आए वीरेंद्र मसीह बन गए और उन्होंने 23 लाख 27 हजार रुपए 12 माह में दोगुने होने की लालच में इन्वेस्ट तो कर दिए पर उनका पैसा भी औरों की तरह वापस नहीं मिला।
रुपयों को दोगुना करने का ऑफर
यह कंपनी भारत सरकार के कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय में रजिस्टर्ड कराई गई थी। इस कंपनी के पास एंजेल इन्वेस्टर्स, वेंचर कैपिटल तथा इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स से पैसे प्राप्त करने की पात्रता भी थी, लेकिन आरोपी पति-पत्नी के साथ कुछ मास्टरमाइंड लोग लोगों से पैसे जमा करवाने लगे और उन्हें दोगुना रकम देने का झांसा देते रहे।
त्वरित निदान माइक्रो फाइनेंस में बतौर डायरेक्टर व बड़े बड़े अधिकारियों, उद्योगपति के फंडिंग के लिए कथित कंपनी ने कुछ अलग से बतौर डायरेक्टर अपॉइंट रखा था जिनके द्वारा ही कुछ प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स की आड़ में बड़ा फंडिंग कराया जाता रहा है।इस पूरे मामले में पुलिस ने मानस रंजन को गिरफ्तार कर लिया है। बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में रहने वाली प्रभा मिश्रा और उनके पति मानस रंजन मिश्रा पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप भी लगा है। पुलिस के अनुसार पति और पत्नी पर आरोप है कि दोनों ने मिलकर लोन और इन्वेस्टमेंट के नाम पर करोड़ो रुपए की चपत लगाई मगर इस पूरे धनशोधन में असली किरदार वाला व्यक्ति अब किसी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी का पिठ्ठू बने रायपुर में बेखौफ है जिसे अभी भी वो इन्वेस्टर ढूंढ रहे है जिन्होंने व्यक्तिगत उस व्यक्ति विशेष के द्वारा किसी किसी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के प्रभाव में रकम ली गई है। एक ही व्यक्ति विशेष ने इस दुगुने रकम झांसे वाले फर्जी संस्थान की नींव रखी और जब अपराधों के चंगुल में फंसाने की जरूरत हुई तब पति पत्नि दंपत्ति को सर्वेसर्वा बना किनारे हो लिए,जबकि हकीकत यह है कि आज भी त्वरित निदान इन्वेस्टमेंट कंपनी के लिए दुगुने रकम का झांसा देने वाले सख्स की हकीकत पुलिस यदि निवेशकों से जानना चाहे और मामले की बारीकी से विवेचना हो तब करोड़ो रूपये ठगी का असली राजदार कोई और सामने आएगा। बहरहाल पूरे मामले में पुलिस ने कार्यवाही व खुलासा कर अपनी पीठ थपथपा जरूर ली है मगर अभी भी मास्टरमाइंड असली गुनाहगार के लिए निवेशकों में आक्रोश है और वह बेखौफ राजधानी रायपुर में घूम रहा है।मामले में प्रारंभिक रूप से पुलिस ने शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी मानस रंजन को गिरफ्तार किया था, जबकि उसकी पत्नी लंबे समय तक फरार रहने में बाद जमानत पर बाहर है।