शहर बीच दिनदहाड़े लूट का आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर

बिलासपुर। दिनदहाड़े 3.50 लाख की लूट के अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर रोज़गार एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारी को बनाया था शिकार सरेबाजार हुई थी वारदात बेटे की शादी के लिए खरीदारी करने गए थे ।

बिलासपुर रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग में संयुक्त संचालक अवनीश सोनी से दिनदहाड़े साढ़े तीन लाख रूपए लूट लेने वाले लुटेरे को पुलिस चार माह बाद भी पकड़ नहीं पाई। पुलिस ने यह दावा जरूर किया था कि लुटेरों की पहचान हो गई है और वे जल्दी ही पकड़े जाएंगे, लेकिन उनके अब तक पकड़े नहीं जाने से शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।


लूट की यह घटना 21 नवम्बर को तब हुई थी जब अपने बेटे की शादी की तैयारी में लगे अवनीश सोनी बैंक से पैसे निकालकर सदर बाजार स्बाथित सराफा बाजार खरीदारी करने जा रहे थे।

वे सराफा दुकान में पहुंचते उससे पहले बाइक पर दो युवक उनके हाथ से रूपए रखा थैला झपटकर गोंडपारा की गली से फरार हो गए। दिनदहाड़े हुई इस घटना से हक्का- बक्का रह गए श्री सोनी ने तत्काल घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी। एक अधिकारी के साथ हुई इस घटना की सूचना मिलते ही शहर में नाकेबंदी कर झपटमारों की तलाश शुरू की गई।

बिलासपुर स्मार्ट शहर कहलाता है और यहां की व्यवस्था पर चौबीसों घंटे निगरानी के लिए हर प्रमुख स्थल पर आधुनिक कैमरे लगे हुए हैं। दिनदहाड़े इस तरह का कांड करके अपराधी फिर भी भाग निकले। कुछ दिनों बाद पुलिस के अधिकारियों ने दावा किया कि अपराधियों की पहचान हो गई है और वे जल्दी ही पकड़ लिए जाएंगे, लेकिन चार माह बाद भी पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाई।

यह भी बताया गया था कि इस वारदात को पेशेवर झपटमारों ने अंजाम दिया है। इस घटना से कुछ रोज पहले जांजगीर में भी ऐसी ही घटना हुई थी और वहां के सीसीटीवी फुटेज में जो युवक दिखाई दिए थे वे ही इस घटना में भी शामिल थे।

दोनों युवकों के बारे में यह भी जानकारी पुलिस को मिल चुकी है कि ये आंध्रप्रदेश के हैं फिर भी पुलिस की पकड़ में अब तक नहीं आए हैं।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि दिनदहाड़े इस तरह की लूट करके अपराधी शहर से भाग निकलें तो सुरक्षा व्यवस्था पर लोगों के भरोसे का क्या होगा ? पूरा शहर जब कैमरे के जरिए पुलिस की चौबीसों घंटे निगरानी में हैं तब अपराधी अपराध करके कैसे भांग निकले ? यह घटना पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है। जब पुलिस को यह तक पता चल गया है कि अपराधी आंध्रप्रदेश के हैं तब उन्हें अब तक कैसे ढूंढ नहीं निकाला गया।

इस बारे में पुलिस का कहना है कि घर में उनका पता नहीं चला और मोबाइल फोन का वे इस्तेमाल नहीं करते इस कारण उनके लोकेशन की भी जानकारी नहीं मिल रहो है। इससे यह भी पता चलता है कि इस लूट को अंजाम देने वाले अपराधी कितने शातिर हैं।
अभी शादियों का समय चल रहा है और लोगों को इस तरह की घटनाओं से सावधान रहने की जरूरत है। यह कहना मुश्किल है कि अपराधी पकड़ ही लिए जाएंगे। आम तौर पर शादियों में बड़ी खरीदारी होती है और ऐसे अपराधी मौके की तलाश में होते हैं। जैसा श्री सोनी के साथ हुआ।

अपराधियों में पकड़े जाने का खौफ तभी पैदा होता है जब कोई अपराध हो और अपराधी पकड़ लिए जाएं। दिनदहाड़े लूट करने वाले अपराधियों कि इसलिए भी पकड़ा जाना जरूरी है।उम्मीद की जा रही है कि पुलिस इस मामले में छानबीन में अब भी लगी हुई होगी और ये अपराधी पुलिस के हाथ आने से ज्यादा दिन बच नहीं सकेंगे।

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