भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज बिलासपुर के परसदा में आयोजित‘अरण्य यूथ पार्लियामेंट’ के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सहभागिता की।




देशभर से आए 300 युवा प्रतिनिधियों के बीच उन्होंने अपने जीवन की संघर्षपूर्ण यात्रा, लोकतंत्र के मूल्यों और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीति ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ का सार साझा करते हुए युवाओं को राजनीति को सेवा का माध्यम मानने की प्रेरणा दी।
श्री साहू ने कहा कि मैं राजनीति में किसी वंशवाद से नहीं आया। मैं सबसे पहले पंच बना, फिर सरपंच, जनपद पंचायत अध्यक्ष, सांसद और आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मुझे अपने मंत्रिमंडल में स्थान देकर जनता की सेवा का अवसर दिया है। यह लोकतंत्र की ताकत और ईमानदारी की जीत है।”
उन्होंने बताया कि जब वे संसद भवन में पहली बार गए, तो उन्होंने संसद भवन को प्रणाम कर प्रवेश किया, क्योंकि यह भारत के संविधान और 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं का प्रतीक है।
उन्होंने युवाओं को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त 2023 के स्वतंत्रता दिवस भाषण का स्मरण दिलाया, जिसमें उन्होंने युवाओं से अपील किया था कि मैं चाहता हूं कि मेरे देश का नौजवान राजनीति में आए। अगर अच्छे लोग राजनीति में नहीं आएंगे, तो देश की राजनीति कैसे सुधरेगी?”
श्री साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने बीते 11 वर्षों में देश को सेवा, सुशासन और जनकल्याण के नए आदर्श दिए हैं। हर योजना गरीब, युवा, महिला और किसान को केंद्र में रखकर बनी है। अब देश को नए भारत के निर्माण के लिए युवाओं की जरूरत है।”
श्री साहू ने प्रश्नकाल, नीतिगत बहस, विधेयक प्रस्तुति जैसे वास्तविक संसदीय अनुभवों को साझा किये।
इस अवसर पर आयोजक टीम के सदस्यों जिनमें अर्जित तिवारी, स्नेहिल शुक्ला, शिवी शुक्ला, कौस्तुभ त्रिपाठी, देवांश अवस्थी, पियुष मोटवानी सहित सभी को बधाई दिये। और कहा कि “अरण्य यूथ पार्लियामेंट” एक अनूठी पहल रही, जो केवल एक अभ्यास नहीं बल्कि युवाओं को लोकतंत्र से जोड़ने, राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देने और नेतृत्व को गढ़ने का मंच बना।
श्री साहू ने समापन भाषण में कह कि अब समय है कि युवा सिर्फ देखने वाले न बनें, बल्कि व्यवस्था में शामिल होकर बदलाव के वाहक बनें। राजनीति अब देश को बनाने का माध्यम है,आप आइए, देश आपका इंतज़ार कर रहा है।”