“इस उपलब्धि में जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल ने भी श्रीमंत झा को बधाई देते हुए और अच्छे प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाये दी.पीपल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन इंडिया के अध्यक्ष प्रीति झंगिया सचिव लक्ष्मण सिंह भंडारी चेयरमैन श्री जी सुरेश बाबू कोच ऋषभ जैन ने शुभकामनाएं दी।।”
कजाकिस्तान में पी.आई.यू.एच कैटेगरी के 80kg कैटेगरी में 25.08.2023 से 03.09.2023 आयोजित होने वाली वर्ल्ड पेरा आर्म रैसलिंग चैंपियनशिप के लिए छत्तीसगढ़ के भिलाई के पैरा एथलीट श्रीमंत झा का चयन हुआ है।
पैरालंपिक श्रीमंत अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भाग लेकर छत्तीसगढ़ ही नही पूरे देश का मान ब़ढ़ाएंगे।
मां ने गहना बेच कर भेजा था अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में आज है जिंदल स्टील पावर के ब्रांड एंबेसडर।।
बता दें श्रीमंत झा स्कूल स्तर पर फुटबॉल खेलना चाहते थे लेकिन उनके दाहिने हाथ के काम न करने के कारण उन्हें अस्वीकार कर दिया गया था। फिर उन्होंने पास के एक जिम में दाखिला लिया और पैरा-कुश्ती सीखी और अभ्यास करना शुरू किया।
गौरतलब है कि श्रीमंत झा इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके है। पैरालंपिक खिलाड़ी श्रीमंत झा वर्तमान में एशिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं और विश्व के नंबर तीन खिलाड़ी है विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में श्रीमंत झा देश के लिए 41 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं।।
श्रीमंत झा ने कहा है कि कम उम्र में उन्हें जिस अस्वीकृति का सामना करना पड़ा, उसने उन्हें एथलीट बनने के लिए प्रेरित किया। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के रहने वाले 29 वर्षीय युवक को पहली बार रिजेक्शन का सामना तब करना पड़ा जब वह दसवीं कक्षा में था। ‘जब मैं 10वीं क्लास में था, तब मैं इंटर-स्कूल फुटबॉल नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेना चाहता था। 200 खिलाड़ी थे और मैंने शीर्ष-22 में जगह बनाई, लेकिन बाद में मेरी विकलांगता के कारण खारिज कर दिया गया, झा ने इसे अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट बताया। उन्होंने कहा, ‘उस वक्त मैंने सोचा था कि मैं अपने देश के लिए मेडल जीतूंगा। मैंने कड़ी मेहनत की और अब नतीजे सबके सामने हैं।’ “मुझे कॉलेज कैंपस के दौरान कई निजी संगठनों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि मैं एक विकलांग व्यक्ति हूं और सैकड़ों प्रयासों के बाद एमएनसी जिंदल स्टील एंड पावर कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूं।