● परलकोट जलाशय से व्यर्थ पानी बहाने पर खाद्य निरीक्षक निलंबित
● जल संसाधन विभाग के पखांजूर के अनुविभागीय अधिकारी को कारण बताओ नोटिस
कांकेर जिले के फूड इंस्पेक्टर ने पानी में गिरे महंगे फोन को निकालने के लिए 21 लाख लीटर पानी बहा दिया। इस मामले में भाजपा ने भूपेश सरकार को घेर लिया है। वहीं कलेक्टर ने निलंबन आदेश जारी कर दिया है।
रायपुर/ कांकेर। 96 हजार रुपये के मोबाइल के लिए कांकेर के खेरकट्टा परलकोट जलाशय से 21 लाख लीटर पानी बहाने का मुद्दा अब गरमाते जा रहा है। भाजपा ने भूपेश बघेल के संरक्षण में अधिकारियों की तानाशाही का आरोप लगाया है। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस पर जरूर संज्ञान लिया जाएगा। मामले को भांप कलेक्टर ने खाद्य निरीक्षक को निलंबित कर दिया है।
बता दें कांकेर जिले के पखांजूर तहसील के परलकोट जलाशय में गिरा मोबाइल ढूंढने के लिए पानी बहाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए संबंधित खाद्य निरीक्षक को कलेक्टर कांकेर द्वारा निलंबित कर दिया गया है। वहीं इस मामले में पखांजूर में पदस्थ जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को कलेक्टर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिला उत्तर बस्तर कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा इस घटना की जानकारी मिलने पर पखांजूर में पदस्थ खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास को आज तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कलेक्टर द्वारा जारी निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि खाद्य निरीक्षक पखांजूर राजेश विश्वास द्वारा परलकोट जलाशय, पखांजूर में उनका मोबाईल पानी में गिर जाने के कारण, मोबाईल ढूंढने के लिए 21 मई 2023 से लगातार 04 दिनों तक परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच लगभग 21 लाख लीटर पानी डीजल पंप के द्वारा बहा दिया गया, यह जानकारी मिलने पर इस घटना के संबंध में 26 मई 2023 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पखांजूर से प्रतिवेदन लिया गया, प्रतिवेदन अनुसार श्री राजेश विश्वास खाद्य निरीक्षक, पखांजूर द्वारा परलकोट जलाशय पखांजूर में अपना मोबाईल ढूंढने के लिए बिना अनुमति के जलाशय के वेस्ट वियर का 41104 क्यूबिक मीटर पानी खाली कराया गया है।
प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कलेक्टर द्वारा राजेश विश्वास खाद्य निरीक्षक, पखांजूर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि अपना मोबाईल ढूंढने के लिए अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सक्षम अधिकारी की अनुमति बिना परलकोट जलाशय से भीषण गर्मी में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा देना, उनके अशोभनीय आचरण का द्योतक है, जो अस्वीकार्य है। उक्त कृत्य छत्तीसगढ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के विपरीत होने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में खाद्य निरीक्षक श्री राजेश विश्वास का मुख्यालय जिला कार्यालय खाद्य शाखा कांकेर रहेगा तथा निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
कलेक्टर कांकेर द्वारा पखांजूर में पदस्थ जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आर.सी. धीवर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि खाद्य निरीक्षक पखांजूर राजेश विश्वास ने मीडिया में दिए गए अपने वक्तव्य में कहा है कि उन्हें मोबाइल ढूंढने के लिए परलकोट जलाशय से लाखों लीटर पानी खाली करने के लिए आपके द्वारा मौखिक अनुमति दी गई है। उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त किए बिना परलकोट जलाशय से लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहा देने की मौखिक अनुमति देना कदाचरण की श्रेणी में आता है जो छत्तीसगढ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1965 के प्रावधानों के विपरीत है। उक्त कृत्य के लिए क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। समयावधि में एवं समाधानकारक जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जाएगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फूड ऑफिसर राजेश विश्वास सोमवार को छुट्टी मनाने खेरकट्टा परलकोट जलाशय पहुंचे थे। मौज मस्ती और सेल्फी के दौरान उनका सैमसंग कंपनी का एस सीरीज का लगभग 96 हजार रुपये का फोन जलाशय में गिर गया। फूड इंस्पेक्टर ने तुरंत जल संसाधन के एसडीओ से बात की। उन्होंने भी तुरंत अफसरगिरी दिखाते हुए जलाशय से पानी खाली करवा देने का आश्वासन दिया। कुछ ही देर में 30 एचपी पंप के साथ पूरा अमला पहुंच गया और जलाशय खाली करवाने का काम शुरू कर दिया गया। जलाशय में 15 फीट तक पानी भरा हुआ था। जल संसाधन विभाग के एसडीओ रामलाल ढिवर के अनुसार उन्होंने 5 फीट तक पानी को खाली करने का मौखिक आदेश दिया था लेकिन 10 फीट तक पानी खाली कर दिया गया।
21 लाख लीटर पानी की बर्बादी
सेखीबाज साहब के महंगे फोन को निकालने के लिए तीन दिनों तक जलाशय से 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहाया गया। तब जाकर गुरुवार को फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का महंगा फोन पानी से बाहर निकाला गया। हालांकि पानी से बाहर निकालने के बाद फोन चालू भी नहीं हुआ।
भाजपा ने सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
फोन के लिए जलाशय से पानी खाली करने के मामले में भाजपा ने भूपेश सरकार को घेरा है. पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर कहा – दाऊ की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं। आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है। अधिकारी अपने मोबाइल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं। इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।
महंगी गाड़ियों और फोन रखने का शौक
महंगे फोन को जलाशय से निकलवाने के लिए 21 लाख लीटर पानी को बर्बाद करने वाले खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास अपने शौक के कारण हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। 22 दिसम्बर 2018 को उनकी पहली पदस्थापना हुई थी। तब से अब तक अन्तागढ़, भानुप्रतापपुर, कोयलीबेड़ा और पखांजुर में पदस्थ रहे हैं। महंगी थार, लाखों रुपयों के फोन और महंगी बाइक रखना इनका शौक है। ना सिर्फ महंगे शौक बल्कि विवादों के कारण भी ये चर्चा में हैं। कोयलीबेड़ा में पदस्थ रहने के दौरान राशनकार्ड में गड़बड़ी के मामले में निलंबित भी हो चुके हैं।