बिलासपुर। मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा की अध्यक्षता में अरपा बेसीन विकास प्राधिकरण की बैठक आज यहां मंथन सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में अरपा नदी के रिवाईवल के लिए पूर्व में स्वीकृत कामों में और तेजी लाने के निर्देश दिए गए। मार्च 2023 तक विभिन्न विभागों द्वारा संचालित कामों को पूर्ण करने की समय-सीमा दी गई। श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि अरपा नदी के रिवाईवल के लिए इसके कैचमेन्ट एरिया में रहने वाले हर गांव एवं ग्रामीण की भागीदारी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्हेांने ऐतिहासिक रतनपुर शहर की प्राचीन लगभग 265 तालाबों के जीर्णोद्वार कार्य भी अरपा रिवाईवल योजना में शामिल किया जाये। इसके लिए अलग से प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी उन्होंने दिए। बैठक में अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय, सदस्य महेश दुबे, नरेन्द्र बोलर, श्रीमती आशा पाण्डेय सहित कलेक्टर सौरभकुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदीप शर्मा ने कहा कि अरपा नदी बिलासपुर शहर सहित पूरे जिले की विकासरेखा है। विभिन्न कारणों से यह प्रदूशित एवं धारा क्षीण हुई है। प्राधिकरण के गठन के बाद इनके रिवाईवल के लिए स्वीकृत कामों में अब तेजी आने लगी है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी जरूरत कैचमेन्ट एरिया के लोगों में जागरूकता लाने की है। यह नदी केवल बिलासपुर शहर के लिए ही नहीं बल्कि 4 जिलों में 3 हजार 600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।
नदी के उद्गम से लेकर संगम तक संपूर्ण विकास हमारा लक्ष्य है ताकि पानी स्वच्छ एवं बारहों महीने पानी रह सके। अरपा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बिलासपुर सहित जीपीएम, कोरबा एवं मुंगेली जिले की 625 गांव आते हैं। उन्होंने पानी रोकने के लिए बनाये जा रहे जल संरचनाओं की अत्यंत धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर की।
उन्होंने कहा कि यह सबके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय होने चाहिए। गौरतलब है कि अरपा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत चार विभागों जैसे सिंचाई, नगर निगम, वन विभाग एवं जिला पंचायत द्वारा कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में सभी के काम की समीक्षा की गई और आपसी समन्वय के साथ तेजी से काम करने को कहा है।
उपाध्यक्ष अभय नारायण राय ने कहा कि अरपा नदी में बारहों महीने पानी रहे, इसके लिए सभी विभागों द्वारा समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। पिछले लगभग डेढ़ दो महीनों में कामों ने गति पकड़ी है। उन्होंने नदी में रेत की अवैध खुदाई को अरपा के बदहाली का प्रमुख कारण बताते हुए इस पर कड़ाई से रोक लगाने की अपेक्षा प्रशासन से की है।