दिल्ली/की नई मुख्यमंत्री आतिशी बनने जा रही हैं। उनके नाम की चर्चा पहले से चल रही थी, अब उसी कड़ी में केजरीवाल ने उनके नाम पर मुहर भी लगा दी है। आतिशी वर्तमान सरकार में भी सबसे ज्यादा मंत्रालय संभाल रही थीं, ऐसे में अनुभव के लिहाज से उनका पलड़ा भारी माना जा रहा था। अब कई बड़े नामों को पछाड़कर उनकी ताजपोशी हो रही है, एक महिला चेहरे को आगे करने का काम किया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि रविवार को ही सीएम केजरीवाल ने ऐलान किया था कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उनका तर्क था कि जब तक जनता उन्हें निर्दोष मान लेती, जब तक जनता उन्हें वोट देकर जिता नहीं देती, वे फिर सीएम कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। अब उनके उस इस्तीफे वाले दांव के बाद दिल्ली को आतिशी के रूप में नई मुख्यमंत्री मिलने जा रही है।
जानिए, कौन हैं आतिशी जो बनेंगी दिल्ली की नई सीएम
वैसे आतिशी का सीएम के लिए चयन होना मायने रखता है। वे कोई राजनीति प्रष्ठभूमि से नहीं आती हैं, उनके परिवार के सदस्य भी राजनीति से दूर ही रहे हैं। ऐसे में उनका नाम आगे आना उनकी एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। आतिशी के निजी जीवन की बात करें तो उनके माता-पिता दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उनके पिता का नाम विजय कुमार सिंह और मां का नाम त्रिप्ता वाही है।
आतिशी की स्कूलिंग स्प्रिंगडेल स्कूल नई दिल्ली से हुई है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई की और मास्टर्स की डिग्री ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हासिल की। कुछ साल बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड से रोड्स स्कॉलर के रूप में एजुकेशन रिसर्च में अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की।
आखिर आतिशी को क्यों बनाया जा रहा मुख्यमंत्री
आतिशी दिल्ली की कालकाजी सीट से विधायक हैं और सरकार के फैसलों को मीडिया के सामने प्रमुखता से रखती हैं। आतिशी ने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल काम किया है, जहां उन्होंने जैविक खेती और शिक्षा प्रणाली पर काम किया। वहां वह कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम करती रहीं, जहां पहली बार उनकी मुलाकात आम आदमी पार्टी के सदस्यों से हुई।
अब आदिशी का निजी जीवन बताने के लिए काफी है कि वे काफी मेहनत कर इस ऊंचे पद तक पहुंचने जा रही हैं। लेकिन उनका सीएम बनना सियासी रूप से भी मायने रखता है। इसके कई कारण सामने आ रहे हैं। उदाहरण के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी महिला कार्ड खेल सकती है, आतिशी सिर्फ तीसरी ऐसी महिला नेता होंगी जो सीएम पद की शपथ लेंगी। इसी तरह आतिशी की छवि भी कट्टर ईमानदार वाली मानी जाती है, उन पर निजी रूप से भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे हैं, ऐसे में पार्टी की विचारधारा के साथ उनकी राजनीति मेल खा सकती है।