रायपुर/ छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट की साल की आखिरी बैठक में सरकार ने राइस मिलर्स के साथ विवाद के बाद उसे सुलझाने की कोशिश की है। लेकिन पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि सरकार मिलर्स की डिमांड अब भी पूरे मन पूरा नहीं कर रही बल्कि उनको डरा-धमकाकर काम करना चाह रही है। बैज ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को मिलर्स और सरकार के बीच ब्रोकर बताया है।
राइस मिलर्स को किए जाने वाले भुगतान को लेकर मिलर्स और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि श्याम बिहारी जायसवाल मंत्री नहीं बल्कि खुद एक मिलर हैं।
हड़ताल के समय डिप्टी सीएम अरुण साव और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से राइस मिलर्स की मीटिंग हुई थी। (फाइल फोटो)
इसलिए सरकार और मिलर्स के बीच ब्रोकर का काम कर रहे हैं। लेकिन सामन्जस्य नहीं बना पा रहे हैं। सरकार छापेमारी कर राइस मिलर्स को डराने का काम कर रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल के भतीजे, भाई और पारिवारिक सदस्यों के यहां छापे मारकर सरकार क्या संदेश देना चाह रही है।
जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब 15 साल की बकाया राशि का भुगतान हमारी सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी सरकार बीजेपी की है। जीव गांधी न्याय योजना का पैसा हमारी सरकार सुरक्षित रखकर गई है लेकिन वो पैसा सरकार क्यों नहीं दे रही है। वो किसानों का अधिकार है। सरकार 3100 रू. एक मुश्त किसानों को नहीं दे पा रही है। किसानों के प्रति सरकार की नियत साफ नहीं है।