नई दिल्ली। बढ़ती उम्र और खराब सेहत की वजह से अब उनका मुख्यमंत्री बने रहना संभव नहीं है। शुक्रवार को पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने बढ़ती उम्र और खराब सेहत का हवाला देते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। आज उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी से मुलाकात की। यहां भी येदियुरप्पा ने अपनी बात दोहराई। इसके बाद पार्टी आलाकमान ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री पर फैसला लिया जाएगा। जल्द ही विधायक दल की बैठक होगी। तब तक येदियुरप्पा अपने पद पर बने रहेंगे। सूत्रों से पता चला है कि येदियुरप्पा ने आलाकमान के सामने एक शर्त भी रखी है। उन्होंने इस्तीफे के बदले अपने बेटे के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में पद की मांग की है।
अब सवाल ये उठता है कि येदियुरप्पा के बाद कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। एक-दो दिन में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा। मुख्यमंत्री की रेस में सबसे प्रमुख नाम प्रह्लाद जोशी का है। प्रह्लाद जोशी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। वह उत्तर कर्नाटक से सांसद हैं। प्रह्लाद जोशी के बाद दूसरा बड़ा नाम बीएल संतोष है। बीएल संतोष लंबे समय तक संगठन मंत्री रहे हैं और फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री हैं। बहुत अच्छे प्रशासक मंत्री माने जाते हैं। इनके अलावा डिप्टी सीएम लक्ष्मण सवदी,बीजेपी नेता मुर्गेश निराणी और वसवराज एतनाल भी मुख्यमंत्री के दावेदार हैं।
कर्नाटक में कैसे बनी थी बीजेपी सरकार
साल 2018 में कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन बीजेपी अपना सीएम नहीं बन सकी थी। केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार आने पर कर्नाटक में बीजेपी एक्टिव हुई। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे हुए। इसके बाद बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई और 26 जुलाई 2019 को बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के सीएम बने। पिछले कई महीनों से येदियुरप्पा के काम काम की शिकायत की जा रही है,जिसके बाद पिछले महीने कर्नाटक बीजेपी के प्रभारी अरुण सिंह कर्नाटक गए थे। अरूण सिंह सीएम येदियुरप्पा और कर्नाटक के अन्य मंत्रियों से मिलकर आए थे। कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीट हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी 119 सीटकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। लेकिन बहुमत से थोड़ी कम थी। वहीं कांग्रेस ने 68 और जेडीएस ने 32 सीटें जीतीं थी। अन्य के खाते में दो सीटें आई थीं।