रायपुर: छत्तीसगढ़ कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे के बीच रविवार को रायपुर एम्स से अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल रायपुर एम्स को नई तरह की आरटीपीसीआर टेस्ट किट मिल गई है, जो केवल आरटीपीसीआर टेस्ट से ही ओमिक्रॉन का पता लगाने में सक्षम है।
रायपुर के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर के मुताबिक जीनोम जांच के लिए अभी अनुमति नहीं मिली है। उससे पहले नई तरह की टेस्ट किट मिल गई है।
जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए अभी आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद पॉजिटिव के सैंपल को एडवांस लैब में भुवनेश्वर भेजना पड़ रहा है। जांच रिपोर्ट में आने में देरी को इस बात से ही समझा जा सकता है कि ओमिक्रॉन के खतरे की आहट के बाद भेजे गए 50 से अधिक सैंपलों में से अब तक केवल 12 ही रिपोर्ट आई है।
प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ट्रीटमेंट कमेटी ने भी दिए प्रस्ताव
इस बीच, प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की ट्रीटमेंट कमेटी ने भी आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए ओमिक्रॉन वैरिएंट पता लगाने वाली टेस्ट किट खरीदने का प्रस्ताव दिया है।
जल्दी ही प्रदेश के दूसरे सरकारी अस्पतालों और सार्वजनिक जगहों पर नई किट के जरिए जल्द ही आरटीपीसीआर टेस्ट किट के जरिए ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाया जा सकेगा।
हाल ही में आईसीएमआर ने टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक की नई स्वदेशी आरटीपीसीआर टेस्ट किट ओमि-स्योर को मंजूरी दी है। जिसके जरिए आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिए ही ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान की सकती है।
सामान्य आरटीपीसीआर जैसा ही टेस्ट होगा, रिपोर्ट भी जल्दी
दरअसल, इस विशेष किट के जरिए सामान्य आरटीपीसीआर टेस्ट ही किया जाएगा, उसे बाद में जीनोम जांच के लिए एडवांस लैब में भेजने की दरकार नहीं होगी।
जानकारों के मुताबिक आरटीपीसीआर टेस्ट किट के जरिए ओमिक्रॉन की पहचान एस जीन टार्गेट फेल्योर के जरिए की जाती है यानी ऐसे सैंपल जिनमें एस जीन नहीं होगा उनको ओमिक्रॉन पॉजिटिव माना जाएगा।