नई दिल्ली/रायपुर
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली है। इस मुलाकात में छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार पर गंभीर मंथन होने की संभावना जताई जा रही है।
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री समेत कुल 11 मंत्री हैं, जबकि आमतौर पर 13 मंत्री बनाए जाने की परंपरा रही है। किन्तु कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा की तर्ज पर यहां भी मंत्रिमंडल में 14 मंत्रियों की गुंजाइश हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, 26 से 31 दिसंबर के बीच, क्रिसमस के बाद और नए साल के आगमन से पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
14 मंत्रियों की टीम के साथ हर संभाग से एक विधायक को अवसर
यह ध्यान में रखना जरूरी है कि हरियाणा में भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधायक हैं। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से, पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और बाद में डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में 17 से 18 मंत्री हुआ करते थे, लेकिन 2003 में संविधान संशोधन के बाद बड़े राज्यों के लिए मंत्रिमंडल में विधायकों की संख्या का 10 फीसदी और छोटे राज्यों के लिए 15 फीसदी तय किया गया। इसके बाद से छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल को 13 सदस्यों तक सीमित कर दिया गया था, हालांकि जानकारों के अनुसार, अब छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री हो सकते हैं।
वर्तमान में प्रदेश के मंत्रिमंडल में एक पद पहले से खाली है, और बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद उनके इस्तीफे से एक और पद खाली हो गया है। अगर मंत्रिमंडल में 14 मंत्री किए जाते हैं, तो रायपुर, बिलासपुर और बस्तर से एक-एक विधायक को मौका मिल सकता है।
बिलासपुर से अमर अग्रवाल और पुन्नुलाल मोहले के नाम चर्चा में हैं, वहीं बस्तर से भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण देव और विक्रम उसेंडी का नाम लिया जा रहा है। रायपुर से पूर्व मंत्री राजेश मूणत, अजय चंद्राकर नाम सामने आ रहा है। इन दावेदारों के बीच, पुन्नुलाल मोहले और गजेंद्र यादव को प्रमुख माना जा रहा है, जबकि दिल्ली में ही इस फैसले को अंतिम रूप दिया जाएगा।