महाकुंभ की आड़ में बाइकर्स लूट रहे, स्टेशन से संगम की ओर जाने वाले रास्ते फुल और जगह-जगह लग रहा जाम

प्रयागराज। महाकुंभ का आज 42वां दिन है। मेला खत्म होने में 3 दिन और बचे हैं। आखिरी सप्ताह पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। ऑटो, ई-रिक्शा, बाइक वालों के साथ नाव वाले भी मनमाना पैसा वसूल रहे हैं।

amrittimes.com की पहुंची टीम ने अरैल घाट से संगम तक नाव बुक करने की बात की तो नाविक ने 10 हजार रुपए मांगे। सामान्य दिनों में नाव बुक करने पर एक हजार रुपए लेने वाले नाविक आज 10 से 20 गुना रुपए वसूल रहे हैं।

महाकुंभ मेले के सभी प्रमुख मार्गों में बाइकर्स गैंग है। ये यात्रियों को मेला तक पहुंचाने के लिए महज दो किमी के 500 रुपए वसूल रहे। स्टेशन से संगम की ओर जाने वाले रास्तों पर पैदल चलना भी मुश्किल है। भीड़ इतनी है कि पैर रखने की जगह नहीं। दोपहर 2 बजे तक 88 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। प्रारंभ से अभी तक 61.61 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

प्रयागराज एयरपोर्ट पर चाय-कॉफी के लिए यात्रियों को लाइन में लगना पड़ रहा है। देर रात तक श्रद्धालुओं की ये भीड़ प्रयागराज जंक्शन से संगम की ओर जा रही है। ऐसा ही नजारा सुबह तक है।

शहर की ओर आने वाले रास्तों पर सुबह से ही भीषण जाम लग गया है।


एयरपोर्ट पर चाय-कॉफी के लिए लाइन लग गई। एयरपोर्ट के अंदर ज्यादा भीड़ होने की वजह से यात्रियों को बाहर पार्किंग की तरफ रोका गया। फ्लाइट आने के 3 घंटे पहले अंदर एंट्री दी जा रही है।

भीड़ के चलते ज्यादा से ज्यादा स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेलवे ने 67 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। कम दूरी की ज्यादा ट्रेनें चलाई जा रही हैं। 22 फरवरी से 1 मार्च के बीच इन ट्रेनों को निरस्त किया गया है। प्रयागराज के सभी 7 एंट्री पॉइंट्स पर बाहर से आने वाली गाड़ियों को रोक दिया गया है।

शहर से बाहर बनी पार्किंग में गाड़ी पार्क करनी पड़ रही है। यहां से संगम की दूरी 10 से 12 किमी है। एंट्री पॉइंट्स पर रोके गए श्रद्धालुओं को कम से कम 10-12 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। हालांकि, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शटल बसें, ई-रिक्शा, ऑटो और ठेले चल रहे हैं। हजारों की संख्या में बाइक वाले भी सवारियां ले जा रहे हैं, लेकिन मनमाना किराया वसूल रहे हैं।

जो महाकुंभ आएगा वो ही भव्यता समझ पाएगा- मनीष शर्मा

छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के प्रदेश सचिव मनीष शर्मा ने कहा- राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से मुझे प्रयागराज आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिस प्रकार की व्यवस्थाएं यहां की गई हैं, ये अपने आप में अभूतपूर्व हैं। जो इसे देखेगा वो ही भव्यता समझ पाएगा कि 60 करोड़ से ज्यादा लोग यहां आए हैं। यहां पर आकर अपनी आस्था दिखाई है।

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