रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक 2 दिसंबर को बुलाई गई है। बैठक में छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण मामले में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट पर कैबिनेट विचार करेगी। आयोग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी आरक्षण को मंजूरी मिलने की संभावना है। ओबीसी आरक्षण को मंजूरी मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग 15 दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए जो राज्य सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण की सीमा बढ़ा दी गई थी। अन्य पिछड़ा वर्ग के पहले आरक्षण की सीमा 25 प्रतिशत थी। इसे बढ़ाकर अधिकतम 50 प्रतिशत कर दिया गया था। कैबिनेट अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के बाद निर्णय लेगी। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ऐसे निकायों में जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए कुल आरक्षण 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां ओबीसी आरक्षण शून्य होगा। हालांकि जहां एससी एसटी का आरक्षण 50 प्रतिशत से कम है, वहां ओबीसी को आरक्षण का लाभ 50 प्रतिशत तक मिलेगा। यह आरक्षण उस निकाय के अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी से अधिक नहीं होगा। निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं, उसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष जैसे पद शामिल हैं। उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर इस फॉर्मूले का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय होगी।