बिलासपुर/ सीबीएसई से संबद्धता लेने वाले स्कूल प्रत्येक कक्षा में 40 से अधिक बच्चों को एडमिशन नहीं दे सकते। 40 से अधिक बच्चे होने पर सेक्शन बढ़ाने के लिए अनुमति लेनी है। सीबीएसई ने दो साल पहले तीन सत्रों के लिए अपवाद के तौर पर तबादले या अन्य विशेष परिस्थितियों में 45 बच्चों को प्रवेश देने की छूट दी थी, लेकिन इसके लिए बाकायदा पोर्टल पर आवेदन कर अनुमति लेनी थी, लेकिन हकीकत कुछ और है।
प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूलों में 50 से लेकर 70 बच्चों को बिठाया जा रहा है। बता दें कि समग्र शिक्षा ने देश में शिक्षा नर्सरी- केजी के स्तर पर 20:1, प्राइमरी स्तर पर 30:1 और मिडिल स्कूल के स्तर पर 30:1 का छात्र- शिक्षक अनुपात निर्धारित किया है। वहीं, हर स्तर पर वर्ष 2025 तक 20:1 के अनुपात का लक्ष्य तय किया गया है। स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों से संबद्धता देता है।
सीबीएसई ने संबद्धता देने के लिए मापदंड तय किए हैं, इसमें समय- समय पर जारी किए जाने वाले गाइडलाइन की जानकारी सभी स्कूलों को दी जाती है। सीबीएसई ने स्पष्ट कहा है कि संबद्धता लेने और उसे नियमित करने के लिए सभी नियमों और शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। सीबीएसई ने प्रत्येक कक्षा में छात्रों की संख्या को लेकर सख्त नियम तय किए हैं।