बिलासपुर/ रायपुर के बाद छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े बिलासपुर नगर निगम में चुनावी आचार संहिता की बंदिश समाप्त होते ही जोन कमिश्नर और इंजीनियरों के प्रभार में बदलाव किया गया है। निगम से रिटायर हो चुके चीफ इंजीनियर और दो एई को संविदा पर नियुक्ति देने की चर्चा शासन स्तर पर चल रही है, क्योंकि इनके प्रस्ताव आचार संहिता के कारण अटके हुए थे।
खबर है कि नगरीय प्रशासन मंत्री से इनके बारे में सहमति ली जा चुकी है। इनके आदेश कभी भी जारी हो सकते हैं।
वर्षों से एक ही स्थान पर जमे इंजीनियरों पर आंच नहीं
निगम आयुक्त की तरफ से जारी आदेश में उन इंजीनियर और अधिकारियों के नाम नहीं हैं, जिन पर वर्षों से निगम के मलाईदार विभागों में जमे होने का आरोप है। नगर पंचायत स्तर से प्रशासनिक जोड़तोड़ करने नगर निगम में पदस्थापना कराने वाले ऐसे कई इंजीनियर हैं, जो अब निगम की अहम परियोजनाओं का दायित्व संभाल रहे हैं।
हैरत की बात यह है कि ऐसे इंजीनियरों के तबादले तो बार-बार हुए लेकिन जिस अंदाज में इनका स्थानांतरण हुआ, उसी अंदाज में वह शासन से आदेश वापस कराने में सफल भी हो गए।
आरके मिश्रा एसई बने, रिटायरमेंट के बाद 3 एई को EE का पदनाम मिलेगा
इंजीनियर राजकुमार मिश्रा को पदोन्नति आदेश के मुताबिक एसई का दायित्व देते हुए स्मार्ट सिटी के जीएम (टेक्निकल), सीवरेज, अमृत मिशन, पीएम आवास, जल आवर्धन योजना, जल, विद्युत, उद्यान, योजना, वाहन, पेट्रोल पंप सहित अधिकांश प्रमुख विभागों का दायित्व सौंपने के आदेश आयुक्त ने दिए हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, डीपीसी के बाद जिन एई को ईई का पदनाम मिलना था। आचार संहिता के कारण वह बिना पदोन्नति के ही रिटायर हो गए। उन्हें ईई का वेतनमान प्रदान किया जाएगा। इसमें संदीप श्रीवास्तव, अजय श्रीवासन और गोपाल सिंह ठाकुर शामिल है।