” तनाव से बचने के लिए अपनी सोच को बदलने”

बिलासपुर । प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, ओम शांति सरोवर उसलापुर के द्वारा ‘दूसरी बटालियन’ के जवानों व अधिकारियों के लिए “तनाव मुक्त व नशा मुक्ति कार्यक्रम” में इंदौर से पधारे ब्रह्मा कुमार नारायण भाई जी ने संबोधित करते हुए तनाव से बचने और तनाव को कम करने के लिए अनेक उपयोगी सुझाव देते हुए


कहा कि तनाव से बचने के लिए हमें अपनी सोच को बदलना होगा। आप जो हैं जैसे हैं उसमें खुश रहना सीखें। सारी समस्या मन के कारण है। हम सब कुछ बदलना चाहते हैं किन्तु अपने विचारों को और सोंच को बदलने पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं।

उन्होंने बतलाया कि सारे दिन में हमारे मन में लगभग तीस हजार विचार पैदा होते हैं जिसमें से अधिकांश विचार अनावश्यक और व्यर्थ होते हैं। चूंकि इन विचारों में एनर्जी होती है अत: व्यर्थ विचारों के द्वारा हम अपनी उर्जा को गंवा देते हैं और थक जाते हैं। हमें जिन्दगी में सन्तुलन बनाकर चलना सीखना है।

जितना हम शरीर पर ध्यान देते हैं उतना ही मन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। गुस्से पर नियंत्रण करना सीखें। कुछ भी हो जाए कभी हताश न हों। आशावादी बनें।

  उन्होंने कहा कि आजकल तनाव होना आम समस्या हो चुकी है। छोटे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक सभी को तनाव का सामना करना पड़ रहा है। अगर तनाव को मैनेज करना आ गया तो जीवन खुशहाल हो जाता है। तनाव हमारे मन में उत्पन्न होता है इसलिए हम मन का प्रबन्धन करने के बारे में चर्चा करेंगे। तनाव से घबराने की जरूरत नहीं है यह एक मैसेन्जर की तरह है जो कि हमें यह बतलाता है कि अब अपने अन्दर कुछ बदलाव लाने की जरूरत है। कभी-कभी ऑफिस में परस्पर तालमेल तथा सामंजस्य नही होने के कारण भी तनाव का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार टालने की प्रवृत्ति भी तनाव पैदा करती है। जब हम किसी बात को टालते जाते हैं कि इसे बाद में करेंगे और जब समय एकदम नजदीक आ जाता है तब तनाव बढ़ जाता है।

  उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग दूसरों में बुराईयाँही देखते हैं। अच्छाई पर उनकी नजर नहीं जाती। उन्होंने लॉ ऑफ अट्रैक्शन की चर्चा करते हुए बताया कि जो हम सोचते हैं वही हमें वापिस मिलता है। भले ही आप कितने भी व्यस्त रहते हों किन्तु अब आपको रोजाना दस मिनट स्वयं के लिए निकालना होगा। मेडिटेशन करें, अपनी रूचि का खेल खेलें, परिवारजनों से मिलें अपना सुख-देख बाँटें।

   कार्यक्रम का संचालन उसलापुर सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी के द्वारा छाया बहन ने करते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी में द्वारा पूरे भारत वर्ष में नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। नशा शब्द बुरा नहीं लेकिन नशा किसका करना या किसका नशा नहीं करना इसकी समझ, परख से ही हम इससे मुक्त हो सकते है। इस कार्यक्रम के तहत सभी को शराब पीढ़ी सिगरेट तंबाकू वह अन्य नशीली चीजों से छुड़ाने के लिए राजयोग मेडिटेशन एक शक्तिशाली दवाई का कार्य करता है प्रत्येक दिन राजयोग के अभ्यास से हमारा शरीर में ऐसे हारमोंस सेक्रेटिशन होते हैं जो हमें नशे व आनंद से भरपूर कर देते हैं बड़ी नशे से दूर कर देते हैं कार्यक्रम के अंत के में दूसरी बटालियन के कमांडेंट मनोज जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया की ब्रह्मकुमारी के द्वारा चलाए जा रहा नशा मुक्त भारत अभियान सराहनीय है और हमें अपने जीवन से कम से कम एक बुराई का त्याग अवश्य करना चाहिए राज्यों मेडिटेशन हमारी आंतरिक कमजोरी को नशे को दूर करने में एक कारगर औषधि है कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी छाया बहन ने सभी जवानों से नशा छोड़ने के लिए प्रतिज्ञा कराई।

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