मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे श्री मोतीलाल वोरा जी पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री की प्रतिमा का अनावरण

रायपुर। दुर्ग जिले में अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के आदमकद प्रतिमा का आज 14 अगस्त को अनावरण होगा। CM भूपेश बघेल प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 14 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे मोतीलाल वोरा की प्रतिमा का अनावरण राजेन्द्र पार्क चौक में मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।

कर्तव्य, निष्ठा, समर्पण व कर्म परायणता के प्रतीक मोतीलाल वोरा, प्रतिमा अनावरण दिवस पर विशेष:- कार्यशैली व जीवन परिचय

दुर्ग शहर था उनका परिवार, गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ किया काम

दुर्ग शहर के सिकोला भाठा वार्ड से पार्षद के रूप में अपने राजनैतिक सफर की शुरुवात करते हुए विधायक, सांसद, दो बार अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री जैसे संवैधानिक पदों पर अपने राजनैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनसेवा करने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के लिए सदैव समर्पित दुर्ग के गौरव श्री मोतीलाल वोरा जी का आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रतिमा स्थापना किया जा रहा है। कर्तव्य पथ पर सम्पूर्ण निष्ठा व समर्पण से कर्म परायणता का पालन कर श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री राजीव गांधी, श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी समेत गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के नेतृत्व में एक परिजन की तरह कांग्रेस एवं गांधी परिवार के साथ मिलकर जनसेवा की मिसाल वोरा जी ने हमेशा दुर्ग शहर को अपना परिवार माना। आज प्रतिमा अनावरण के अवसर पर नई पीढ़ी को भी उनसे व उनकी कर्मठता से रूबरू होने का अवसर प्राप्त होगा।

मोतीलाल वोरा ने पत्रकारिता से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुवात की जिसके बाद 1968 में वे पार्षद चुनकर दुर्ग नगर पालिक निगम में लोक कर्म समिति के अध्यक्ष बने। 1972 से 1992 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के अदस्य रहे जिस बीच प्रथम कार्यकाल में ही राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष बने जिसके बाद वोरा जी की कर्मठता सर्वविदित होने लगी उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली, उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री , 1985 व 1989 में दो बार अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भी पूरी निष्ठा के साथ संभाला । साथ ही वे राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य व विमानन मंत्री भी रहे। उनकी कार्यशैली का प्रभाव ही ऐसा रहा कि उन्हें राष्ट्रपति शासन के बीच मई 1993 से 1996 तक उत्तरप्रदेश के राज्यपाल पद का दायित्व मिला। मोतीलाल वोरा अपनी सादगी एवं सरलता के लिए जाने जाते रहे वे अटल लहर में भी लोक सभा सांसद चुन कर आए। 2002 से 2020 तक वे राज्य सभा सांसद एवं अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष के साथ ही राष्ट्रीय महामंत्री भी रहे।

आज की पीढ़ी को उनकी कर्म परायणता से प्रेरणा लेनी चाहिए , वरिष्ठ कांग्रेस नेता जहां उन्हें वोरा जी के नाम से संबोधित करते थे वहीं छत्तीसगढ़ एवं दुर्ग के अगली पीढ़ी के कांग्रेसजनों ने उन्हें सदेव बाबूजी के नाम से संबोधित किया।

रात 3 बजे तक काम करने के बाद भी पूछते, कोई मिलने वाला बाहर तो नहीं

वोरा जी ने राजनैतिक क्षितिज में अपना एक अलग मुकाम यूं ही नहीं बनाया । वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाने के दौरान बडा प्रदेश होने के कारण लगातार काम करते। रात में 3 बजे कार्यालय से निकलने से पहले पूछा करते कि कोई मिलने के लिए बाकी तो नहीं। अधिकारी एवं कर्मचारी उनकी ऊर्जा देख अक्सर हैरान रह जाते।

दुर्ग वासियों को सदैव समझा अपना परिवार

मोतीलाल वोरा ने दुर्ग शहर की जनता एवं छत्तीसगढ़ को सदैव अपना परिवार माना चाहे भोपाल हो या दिल्ली वे सबसे पहले छत्तीसगढ़ व दुर्ग के लोगों को समय देते थे। आज भी उनके पुत्र दुर्ग विधायक व राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष वरिष्ठ विधायक अरुण वोरा उनकी इसी शिक्षा व विरासत को साथ लेकर चलते हैं। वोरा जी के निवास में मिलने के लिए समय लेने की आवश्यकता नहीं होती ना ही आत्मीयता में कोई कमी होती है। वोरा जी की कार्यशैली पर चलते हुए अरुण वोरा को तीन बार शहर वासियों ने आशीर्वाद देकर अपना प्रतिनिधि चुना है।

पद की लालसा की जगह हमेशा विनम्रता व कर्म को दी प्राथमिकता

राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान वोरा जी ने युवा पीढ़ी को गहरी सीख देते हुए कहा कि, पद तो आते हैं और चले जाते हैं, पद आने जाने के बीच मे इंसान को हमेशा विनम्र रहते हुए दी गई जिम्मेदारियों का सम्पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से निर्वहन करते हुए जनता की सेवा करनी चाहिए।

आज 14 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे मोतीलाल वोरा जी की प्रतिमा का अनावरण राजेन्द्र पार्क चौक में मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा।

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