रायपुर। प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आई भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में इस पर जोर-शोर से काम करना शुरू कर दिया है। जिसकी बानगी कल सीएम साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में देखने को मिली। भ्रष्टाचार मुक्त शासन को लेकर विष्णु सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। जिसकी छत्तीसगढ़ में भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है।
शराब के कारोबार को पारदर्शी बनाने के लिए विष्णु सरकार ने कांग्रेस सरकार की नीति को बदल दिया है। पुरानी नीति में विदेशी शराब की थोक खरीदी के लिए लाइसेंसी व्यवस्था थी, जिसे समाप्त करते हुए स्वयं आबकारी मंत्री, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने विदेशी शराब निर्माताओं से सीधे शराब की खरीदी का निर्णय लिया है। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन को दी है। प्रदेश के लोग इसे मुख्यमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार भी बता रहे हैं।
कांग्रेस सरकार में शराब घोटाले से हुई थी प्रदेश की छवि खराब, सीएम साय ने नियम बदला
गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार में शराब के कारोबार में जमकर घोटाला हुआ। लगभग बाइस सौ करोड़ के हुए घोटाले की पूरे देश में चर्चा हुई और प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पनाहगार लोग जेल गए। इस घोटाले ने छत्तीसगढ़ की छवि पूरे देश में खराब की। अब श्री साय ने शराब के कारोबार को पूर्णतः पारदर्शी बनाने के लिए पिछली कांग्रेस सरकार की नीति को ही बदल दिया है।
भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार में विदेशी शराब को सीधे शराब निर्माताओं से खरीदने का नियम था। बिचौलियों से मुक्त इस नियम में भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं होती थी। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने आते ही इसे बदल दिया। नई आबकारी नीति बनाकर एफएल 10 की व्यवस्था की, जिसके तहत शराब डीलर किसी भी निर्माता कंपनी से शराब खरीद कर सरकार को बेचते थे। बिचौलियों के माध्यम से शराब की सप्लाई आबकारी विभाग को की जाती थी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ता था। सीएम साय ने इस प्रथा को ही खत्म कर दिया है।
क्या था शराब घोटाला, जिस पर विष्णु देव साय ने अपनाई जीरो टॉलरेंस की नीति
पिछली कांग्रेस सरकार ने आबकारी नीति में संशोधन कर एफएल – 10 लाइसेंस का नियम बनाया और अपने चहेते लोगों, चहेते फर्मों को सप्लाई का जिम्मा दिया। इससे प्रदेश में नकली शराब और अवैध शराब के बिक्री धड़ल्ले से हुई। कांग्रेस सरकार के चहेते लोगों ने शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम भी चिपकाए और बिना स्कैनिंग किए घटिया शराब लोगों को बेची। इससे शराब उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां तो हुई ही, राज्य सरकार को भी हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। इन घोटालेबाजों पर विष्णु सरकार की कठोर कार्रवाई जारी है। वादे के अनुरूप विष्णु सरकार घोटालामुक्त और पारदर्शी व्यवस्था भी सुनिश्चित कर रही है।
अच्छी ब्रांड की जगह लोकल ब्रांड बेच रही थी कांग्रेस सरकार
प्रदेश में जब से कांग्रेस ने सत्ता संभाली, शराब दुकानों से विदेशी और अच्छे ब्रांड के शराब गायब हो गए। कांग्रेस सरकार के चहेते लोगों ने ज्यादा मार्जिन के लिए लोकल कंपनियों से शराब खरीद कर पूरे छत्तीसगढ़ में बेचा। इससे प्रदेश में शराब में मिलावट, बिना रेट लिखे शराब के बोतल की बिक्री, शराब दुकानों में सरकार के चहेते लोगों के अवैध रूप से दखल की खबरें निरंतर आती रही। शराब उपभोक्ताओं को भी शारीरिक तकलीफ की खबर आती रही। सरकार ने इस पर कुछ ध्यान नहीं दिया। उल्टे शराब घोटाले से प्रदेश की छवि खराब हुई। इससे इतर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों से सीधे शराब खरीदी का नियम बनाकर शराब के कारोबार को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
सरकार को नहीं होगा राजस्व का नुकसान
विष्णु सरकार के पारदर्शी नियम से शराब के कारोबार में राजस्व का नुकसान नहीं होगा, बल्कि सरकार को अतिरिक्त आय की प्राप्ति होगी। जिसका अपयोग सरकार जनहित के कार्यों में करेगी। नकली और अवैध शराब की बिक्री पर पूरी तरह लगाम लगेगी। शराब उपभोक्ताओं को अच्छी ब्रांड की गुणवत्तापूर्ण शराब मिलेगी।