“नगर पालिका अध्यक्ष के जाति मामले में छानबीन समिति के अयोग्य करने के बावजूद राज्य शासन क्यों रिपोर्ट सौंप बर्ख़ास्तगी का आदेश लाने कर रही हील हवाला?”
मुंगेली। मवेशी घोटाला और हाई कोर्ट के सख़्त आदेश के भय से मुंगेली नगर पालिका परिषद में उथलपुथल मची हुई है एक तरफ़ हाईकोर्ट के आदेश के हवाले से नगर पालिका अध्यक्ष(नगर सरकार) हेमेंद्र गोस्वामी गोस्वामी काबिज बैठे है दूसरी तरफ़ राज्य शासन ने नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी की जाति मामले में अयोग्य होने के फ़ैसले के बाद यह नगर पालिका परिषद जिसे डिप्टी सीएम अरुण साव के गृहज़िले और साथ ही उन्हें के समक्ष नगरीय प्रशासन मंत्रालय की जवाबदेही होने के बाद भी कोई निर्णायक या कार्यवाही के मूड में नज़र नहीं आ रही है। इसके अलावा भूपेश राज में मस्त रहे सीएमओ अनुभव सिंह इन दिनों सुर्ख़ियों में बने हुए है जिनके विरुद्ध सरकार ने स्वयं कार्यवाही के लिए दोषी पाए जाने के बावजूद परिषद से बिना बताए ग़ायब रहने,मोबाइल बंद रख जॉइंट डायरेक्टर ऑफिस के सहारे अवकाश लेने की जद्दोजहद में लगे रहे और अंतोगत्वा उनकी अवकाश स्वीकृत कर दी गई जबकि उनके विरुद्ध मवेशी घोटाले में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष दोषी पाते हुए राज्य शासन ने पत्र जारी किया है। आख़िरकार ये सब अनियमितताओं और भ्रष्टाचार में जुटे सीएमओ को सॉफ्ट कॉर्नर कर बचाने की क़वायद आख़िर क्यों हो रही है?
बता दें एक जुलाई के दिन डिप्टी सीएम व स्वयं म्युनिसिपल मंत्री अरुण साव मूँगेली प्रवास पर थे उसके बावजूद मूँगेली सीएमओ अनुभव सिंह मुंह छुपाए ग़ायब रहे बावजूद ना विभागीय मंत्री ने कोई जानकारी ली और ना ही ज़िला प्रशासन के तरफ़ से कोई कार्यवाही की गई। इन सबके बावजूद जब पत्रकारों ने मवेशी घोटाले कार्यवाही के लिए विभागीय मंत्री से शासन के हवाले से दोषियों के नामज़द मुक़दमा नहीं होने पर पूछना चाहा तब मंत्री जी ने इस मामले में जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। आख़िरकार घोटालों ऊपर घोटालों और भयंकर भ्रष्टाचार के अलावा स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष अपनी जाति में उलझा हो,सरकार के नज़र में जाँच कमेटी के अयोग्य घोषित कर दिये जाने के बावजूद नगरीय प्रशासन विभाग अथवा स्वयं राज्य सरकार अपनी जाँच रिपोर्ट से माननीय उच्च न्यायालय को अवगत करा नगर पालिका अध्यक्ष के बर्ख़ास्तगी की कार्यवाही कराने क्यों तत्पर नहीं दिख रही है? कहाँ है भाजपा का पार्षद दल और अन्य पदाधिकारियों का समूह?
जानकारों के मुताबिक़ सूत्र यह भी बता रहे है पूरे मामले में चाहे भ्रष्टाचार,अनियमितताओं के उजागर होने के बावजूद मामले में कार्यवाही नहीं करने एक रणनीति के तहत नाटकीय ढंग से सब ख़ामोश नज़र आ रहे है।अब देखने वाली बात यह भी है कि मवेशी बाजार भ्रष्टाचार को उजागर करने एवं नगर पालिका अध्यक्ष के जाति मामले में पर्दाफ़ाश करने वाले लोग कितनी ईमानदारी से तथ्यों को सामने लाकर दोषियों पर असल कार्यवाही कराने में सफल होंगे।