मुंगेली: कलेक्टर साहब…आजादी के बाद से पुराने पालिका क्षेत्र में सरकारी तालाब अब अस्तित्व में नही…जमींदारों के जल संग्रहण केंद्र में अब हो शहर के लिए नया स्वरूप

जनदर्शन में शिकायत, आरटीआई से जानकारी के बहाने लोग रोजी रोटी तलाश रहे
जिला प्रशासन है खामोश
जिला प्रशासन को दोहरे चरित्र और दोहरे पद धारी लोगों जांच कर की जानी चाहिए बड़ी कार्यवाही

कुम्भकर्णीय नींद में सोई हुई है पुलिस की एलआईबी,सतर्कता टीम

मुंगेली। मुंगेली शहर जो कि गौंटिया, जमींदारों का बसाया हुआ है। मुंगेली शहर के इतिहास की बात करे तो प्रायः मुंगेली आज जो एक विकसित नगर पालिका के रूप में स्थापित है वो दानदाताओं के रहमोकरम से विकसित हुआ है। पुराने मुंगेली का इतिहास खंगाला जाए तो राजा,महाराजाओ के तर्ज पर जमींदारों द्वारा महिला नृत्य संगीत,दान धर्म की परंपरा रही है। बावजूद आज कुछ दलाल,बिचौलियों और ब्लैक मेलर,जुआरियों द्वारा मुंगेली की बसाहट और इतिहास को ही ललकारते हुए जिला प्रशासन को चैलेंज किया जाता है और लाचार जिला प्रशासन इनके लिए कोई ठोस कारगर कदम उठाने कमजोर साबित हो रही है।

कलेक्टर साहब मुंगेली जमींदारों की बसाहट के बीच मल्लाह पारा और दशकों से साव परिवार की कृषि के लिए हो रहे जल संग्रहण केंद्र जिसे आज हम अपने शब्दों में तालाब के रूप में जान रहे है इसके आसपास लगभग पुराने इतिहास को खंगाला जाए तो सैकड़ो घर के पुराने लोग साव परिवार की जमीन में पहले पनाह लिए बाद में धीरे धीरे उन्ही खरीद अपनी मिल्कियत हासिल की। बावजूद कुछ विघ्नसंतोषी दोहरे चरित्र के लोग जो आज 2019 से अब तक माननीय हाई कोर्ट व राज्य सरकार को गलत शपथ पत्र के सहारे दोहरे चरित्र के साथ जालसाजी कर मुंगेली जिला प्रशासन को आए दिन कभी सामाजिक कार्यकर्ता तो कभी वकालत के धौंस और कभी राज्य सरकार के रहमोकरम से अधिकृत पत्रकार होने के अनेको चेहरों और चरित्र के साथ जनदर्शन और शासकीय दफ्तरों में शिकायत के हवाले जिला प्रशासन को चुनौती देते आ रहा है। बावजूद अनेको बार स्थापित पदों से निलंबित कर माफीनामा से बचते हुए शर्मसार होते रहने के के बाद भी प्रतिदिन शहर के शांतप्रिय माहौल में खलल डाल सीधे जिला प्रशासन के गिरेबां में हाथ डाल ललकारा जा रहा है।

मालूम हो आजादी के बाद नगर पालिका क्षेत्र के बसाहट में मल्लाह पारा स्थित साव परिवार के निजी जल संग्रहण केंद्र के आसपास पहले वीरान था जब शहर विकसित होने लगा तब स्वयं शहर का पहला सीएमओ निवास की नींव इसी परिक्षेत्र में रखी गई आज भी वह सीएमओ क्वार्टर है उसके बाद शहर का पहला पेट्रोल पंप इसी परिक्षेत्र में प्रारंभ हुआ और शहर में बसाहट के साथ लोगों द्वारा आज जल संग्रहण केंद्र के चारो तरफ रिहाइशी क्षेत्र के रूप में विकसित होकर लगभग तीन वार्डो के सरहद और 2000 लोगों की बसाहट 50 व्यवसायिक प्रतिष्ठान विकसित हो चुके हैं अब इस जल संग्रहण की लंबे समय से आधुनिक समय मे पानी की पर्याप्त स्रोत विकसित होने के बाद साव परिवार द्वारा उपयोग नही लिया जा रहा है बावजूद आज लोगों के लिए तालाब स्वरूप मंदिर के समीप यदि कोई मिल्कियत है तो वह साव परिवार की देन रही है।

इतिहास की जानकारी बगैर कुछ दोहरे चरित्र के लोग लंबे समय से माननीय उच्च न्यायालय व राज्य सरकार को गुमराह कर लगातार शिकायत ले माध्यम से जिला प्रशासन को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जिला प्रशासन सभी बिंदुओं की सुक्ष्मता से जांच करा लें तो शायद शहर के आशान्वित विकास और कुछ विकास विरोधियों का बड़ा खुलासा बड़ी कार्यवाही हो सकती है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन, राज्य सरकार अथवा न्याय पालिका को धूर्त बना अपनी रोजी रोटी चला रहे गिरोह के लिए कितनी तत्परता से खुलासा कर कार्यवाही करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *