"प्रशासनिक बैठकों और जनसंपर्क विभाग द्वारा हुए जारी खबरों के बाद मानो ऐसा लग रहा है कि कोई भी राजस्व का काम अब अविलंब होगा मगर धरातल में देखा जाए तो विगत 15 दिनों से ऑनलाइन सभी काम ना करते हुए पूरे प्रदेश के पटवारी हड़ताल पर है अब ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा आज की बैठक लेकर राजस्व टीम को निर्देश देने का क्या औचित्य? जमीनी हकीकत यह देखी जा रही है कि छोटे से छोटे राजस्व ऑनलाइन कामों के निराकरण के लिए पक्षकार अथवा पीड़ित विगत 15 दिनों से चक्कर लगा रहे हैं मगर पटवारियों के ऑनलाइन काम के विरोध और हड़ताल के चलते राजस्व विभाग के नामांतरण, प्रमाणीकरण या अन्य ऑनलाइन सभी कार्य ठप्प पड़े है।"
■ नीरज देवांगन की विशेष रिपोर्ट
मुंगेली। जिला प्रशासन की बैठकों में संबंधित विभागों को दिए जाने वाले निर्देश सरकार के सूचना तंत्र के माध्यम से प्रतिदिन आमजनमानस को बताया जाता है कि जिला प्रशासन आम जनता के कामों के लिए कितनी सजग है। मगर कुछ विभाग में चल रहे हड़ताल अथवा काम के विरोध के बाद जिला प्रशासन की बैठक अथवा कलेक्टर का फरमान परफेक्ट नजर नही आ रहा है। मालूम हो आज यानि साल के पहले दिन राजस्व विभाग की प्रशासनिक बैठक आहूत की गई जिसमें ,पटवारी गांव-गांव जाकर करेंगे बी-वन का वाचन, व ‘नामांतरण, बंटवारा, त्रुटि सुधार एवं नक्शा बंटाकन के प्रकरणों का होगा त्वरित निराकरण’ जैसे सख्त निर्देश कलेक्टर के निर्देश पर पथरिया एस.डी.एम. ठाकुर ने राजस्व अधिकारियों को दिए। मगर मुद्दा यह है कि राजस्व विभाग के मूल कर्मचारियों यानी ग्राउंड लेबल पर काम कर ऑनलाइन रेकॉर्ड दुरूस्त करने का काम करने वाले स्वयं पटवारी जब पूरे प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन सभी कार्यों को बंद रख हड़ताल पर हो तब इस बैठक या फिर ऐसे निर्देशों का क्या मतलब आमजनमानस समझे?
बता दें मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के द्वारा जिले के सभी पटवारी को फील्ड में भेज कर बी-वन का वाचन करने एवं अभियान चलाकर नामांतरण, बंटवारा, नक्शा बटांकन आदि राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए हैं। इसी कड़ी में पथरिया एसडीएम बी.आर.ठाकुर द्वारा तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर कार्य योजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए। एसडीएम श्री ठाकुर ने बताया कि हल्का पटवारी गांव में उपस्थित होकर बी-वन का वाचन करेंगे और जो खातेदार बी-वन वाचन के समय उपस्थित नहीं हुए हैं उनके घर-घर जाकर त्रुटि सुधार, फौती नामांतरण की जानकारी प्राप्त करेंगे और इसका दैनिक रिपोर्ट प्रतिदिन प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया कि वीडियो कॉल के माध्यम से सभी पटवारियों को अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है और इसकी सतत मॉनिटरिंग के लिए तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को नोडल अधिकारी भी बनाया गया है। मगर इन बैठकों ली सार्थकता तभी मानी जाएगी जब ऑनलाइन काम को संपादित करने वाले पटवारी अपना ऑनलाइन हड़ताल समाप्त कर आम जनता के कामो को ऑनलाइन सुधारे अन्यथा आज की हुई बैठक से आमजनमानस सिर्फ तहसील कार्यालय अथवा पटवारियों के चक्कर लगा परेशान ही होते रहेंगे।