बलौदाबाजार/ छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव और गाड़ियों में तोड़फोड़ के बीच कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की। इसके बाद लोगों की पुलिस और कर्मचारियों के साथ झड़प भी हुई।
जानकारी के मुताबिक 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।
पुलिस इंटेलिजेंस फेल, एसपी बोले- शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दिया था आश्वासन
दशहरा मैदान में सोमवार को शांतिपूर्ण चल रहा प्रदर्शन दोपहर के बाद अचानक उग्र हो गया। हजारों की भीड़ कलेक्टर परिसर में घुस गई और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इन प्रदर्शनकारियों में 70 प्रतिशत युवा थे। ये लोग CBI जांच की मांग कर रहे थे।
पुलिस-प्रशासन को प्रदर्शन को सूचना थी, लेकिन उन्हें लगा था कि सामान्य प्रदर्शन होगा। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल भी तैनात किया गया था। इसी दौरान समाज के लोग आक्रोशित होकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने निकल गए। फिर बवाल बढ़ता चला गया।
एसपी सदानंद कुमार ने बताया कि समाज विशेष के लोगों को धरना-प्रदर्शन की इजाजत दी गई थी। उनकी ओर से शांतिपूर्वक करने का आश्वासन दिया गया था। अचानक हंगामा शुरू कर दिया और लोग बेकाबू हो गए। आगजनी और पथराव शुरू कर दिया। बैरिकेड तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए और बिल्डिंग को आग लगा दी। जिस बात को लेकर इन लोगों ने जो आगजनी और तोड़फोड़ की, उस बात को लेकर पहले ही जांच के आदेश सरकार दे चुकी है।
गुरु रुद्र कुमार ने कहा- हिंसक झड़प नहीं होनी चाहिए थी
सतनामी समाज के गुरु कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके गुरु रुद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से कहा कि यह घटना अप्रिय है। इस घटना की भी जांच होनी चाहिए। जैतखाम तोड़े जाने की घटना की सीबीआई जांच की मांग का मैं समर्थन करता हूं। हिंसक झड़प नहीं होनी चाहिए थी, गुरु घासीदास हमें शांति का मार्ग बताते हैं। घटना की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।