कांग्रेस और उसके गठबंधन की नजर अब आपकी कमाई और संपत्ति पर-गिरीश

मुंगेली/ 60 के दशक से कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति को चुनाव जीतने का हथियार बनाया। हम वर्षों से इसके खिलाफ लड़ रहे थे। 2014 से आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास का एजेंडा देश में सेट किया जिसके बाद कांग्रेस लगातार पराजित हो रही है। अब कांग्रेस फिर से एक बार तुष्टिकरण के आधार पर आगे बढ़ना चाहती है। ये बातें प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य गिरीश शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत में कही।
अटल परिसर जिला भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में गिरीश शुक्ला ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन की नजर अब आपकी कमाई पर है। आपकी संपत्ति पर है। आपकी संपत्ति पर कांग्रेस अपना पंजा मारना चाहती है। किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है, किसके पास कितना धन है, किसके पास कितने मकान हैं, कांग्रेस सरकार उसकी जांच कराएगी। यह जो संपत्ति है उनको सरकार अपने कब्जे में लेकर सभी को बांट देगी। अब आप लोग सोचिए, हमारी माता-बहनों के पास सोना होता है। वह पवित्र माना जाता है। कानून भी उसकी सुरक्षा करता है। अब इनकी नजर इस पर भी है। माता-बहनों का सोना चुराने के लिए यह सर्वे कराना चाहते हैं। माताओं-बहनों का मंगलसूत्र अब सलामत नहीं रहेगा। यही कांग्रेस ने कहा है। इन परिवारवादी लोगों ने देश को लूटकर अपना इतना साम्राज्य बना लिया है किंतु देश को कुछ नहीं दिया है। जनता के धन को लूटना, देश को लूटना ही कांग्रेस अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझती रही है । नौकरी-पेशा लोगों ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए जो एफडी करवाई है। कांग्रेस वाले उसकी भी जांच कराने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस इसका सर्वे कराएगी । फिर कांग्रेस ऐसे ही सरकार के नाम पर कब्जा करेगी। यह आपकी संपत्ति को छीनकर बांटने की बात कर रही है । कांग्रेस यहां तक जाएगी कि आपके गांव में पैतृक घर है, तो यह लोग उसे दो घर बताकर छीन लेंगे। कांग्रेस के लोग कहेंगे कि आपके पास गांव में तो एक घर पहले से ही है। इनकी यह सोच माओवादियों और कम्युनिस्टो जैसी है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन इसे भारत में लागू करना चाहती है। प्रधानमंत्री जी ने सही ही कहा है। यही कांग्रेस की नीति और उनके घोषणा पत्र का हिडेन एजेंडा है। कांग्रेस का घोषणापत्र 2024 स्पष्ट है। इसमें विशेष रूप से कहा गया है कि कांग्रेस जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित करेगी। आंकड़ों के आधार पर सकारात्मक कार्रवाई के एजेंडे को मजबूत किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि देश में बहुसंख्यकवाद की कोई जगह नहीं है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंक बिना किसी भेदभाव के अल्पसंख्यकों को संस्थागत ऋण प्रदान करें। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक रोजगार, सार्वजनिक कार्य अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के अवसरों का उचित हिस्सा मिले।

* कांग्रेस ने अपने manifesto में लिखा है कि एससी, एसटी और ओबीसी रिजर्वेशन की 50% की सीमा को ख़त्म किया जाएगा और इसे बढ़ाया जाएगा। मतलब ये बढ़ा हुआ आरक्षण किसको देंगे क्योंकि कांग्रेस ने अपने manifesto के लगभग हर section में अल्पसंख्यकों की बात कही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि कांग्रेस नीतियों में उपयुक्त बदलाव करके धन और आय के मामले में बढ़ती असमानता का समाधान करेगी।
5 अप्रैल को घोषणापत्र जारी करते समय राहुल गाँधी ने कहा था कि हिंदुस्तान में 50% आबादी पिछड़े वर्ग की है, 15% आबादी दलितों की है, 8% आबाद आदिवासियों की है, 15% आबादी माइनॉरिटी की है और 5% आबादी गरीब जनरल कास्ट की है। अगर आप इन सबको मिला दें तो 90% से ज्यादा आबादी इन लोगों की बनती है मगर आप, अगर हिंदुस्तान की संस्थाओं को देखो, इंस्टीट्यूशन्स को देखो, बड़ी-बड़ी कंपनियों को देखो, तो इनमें से आपको कोई भी उन कंपनियों में, उन इंस्टीट्यूशन में, उन संस्थाओं में नहीं दिखाई देता। इसलिए हमने वादा किया है कि जैसे ही हमारी सरकार आएगी, जाति जनगणना को हम पूरे देश में इम्प्लिमेंट कर देंगे। देश का एक्सरे कर देंगे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंस्टीट्यूशनल सर्वे करेंगे। ये पता लगाएंगे कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है। कौन से वर्ग के हाथ में है और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे। जो आपका हक बनता है, वो हम आपके लिए आपको देने का काम करेंगे।
कांग्रेस का ये एजेंडा भले ही 05 अप्रैल को सामने आया लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस इसकी पटकथा लिख चुकी थी। राहुल गांधी ने भी महाराष्ट्र में हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम ( 16 मार्च 2024) में कहा कि किसके पास कितनी संपत्ति है, इसके लिए एक व्यापक आर्थिक, वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण किया जाएगा। पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधानसभा संयोजक द्वारिका जायसवाल,जिला मीडिया प्रभारी सुनील पाठक, विस्तारक यश शुक्ला, कोटूमल दादवानी उपस्थित थे।

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