कांगेर ; छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रिय उद्यान अपनी खूबसूरती और मनमोहक दृश्यों के लिए पुरे भारत में फेमस है. बस्तर जिले में स्थति कांगेर घाटी नेशनल पार्क सदैव पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल रहा है। वहीं अब उद्यान के अंदर जलजीव के सरंक्षण के लिए शासन द्वारा एक नया कदम उठाया जा रहा हैजिसमे कांगेर घाटी नेशनल पार्क के अंदर मगरमच्छों की गिनती की जाएगी। यह गिनती दिल्ली के एक्सपर्ट करेंगे। जानकरी के अनुसार अब तक उद्यान में 15 बड़े एवं 40 बच्चे मगरमच्छ मिले हैं। इंद्रावती नदी एवं विभिन्न नालों में मिलने वाले मगरमच्छ को कांगेर नदी में छोड़ा जा रहा है।
जलजीव के सरंक्षण को लेकर गणनाआमतौर पर हमने और आपने देखा है कि उद्यानों में टाइगर रिसर्व , और अन्य जंगली जीवों और पक्षियों को सरंक्षण के लिए कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं लेकिन जलजीवों पर उस स्तर पर कार्य नजर नहीं आते। हालाकिं कांगेर घाटी राष्ट्रिय उद्यान में भी यह पहली बार हो रहा है कि मगरमच्छों की गणना की जा रही हो।हर साल पर्यटकों की संख्या में हो रही है वृद्धि , विदेशी पर्यटक भी शामिल
बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1982 में स्थापित किया गया था यह 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का राष्ट्रीय उद्यान है यहां की 15 से अधिक सुंदर लाइमस्टोन की गुफाएं, तीरथगढ़, कांगेर धारा जलप्रपात, दुर्लभ वन्य जीव वन्यजीव जैसे उदबिलाव, माउस डियर, जॉइंट सक्वरल, लेथिस सॉफ्टशेल टर्टल, जंगली भेड़िया के साथ-साथ 200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां, वनस्पतियों की 900 अधिक प्रजातियों और तितलियों की 140 से अधिक प्रजातियों के ख्याति प्राप्त है। उद्यान में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2022 में 18000 हजार, विदेशी 16 पर्यटक एवं वर्ष 2023 में 1.28 लाख, 43 विदेशी पर्यटक पहुंचे, इस तरह से पिछले वर्ष से इस वर्ष १ गुना पर्यटक पहुंचे।