बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ में सड़कों पर मवेशियों की लगातार हो रही मौतों और सड़क हादसों पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि एक साल से लगातार हाईकोर्ट मानिटरिंग कर रहा है। इसके बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका है। नाराज डिवीजन बेंच ने मामले में चीफ सेक्रेटरी को NHI के साथ रोडमैप बनाकर कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। केश की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। बता दें कि एक दिन पहले ही बिलासपुर में निर्माणाधीन भारत माला प्रोजेक्ट की सड़क पर तेज रफ्तार हाईवा ने 20 से अधिक मवेशियों को कुचल दिया था, जिससे 19 की मौत हो गई।
दरअसल, सड़कों पर मवेशियों के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। जिससे न सिर्फ मवेशियों की जान को खतरा रहता है। बल्कि, वाहन चालक भी हादसे में घायल हो जाते हैं और इस वजह से मौतें भी हो जाती है। इससे होने वाली समस्याओं को लेकर हाईकोर्ट जनहित याचिका के रूप में सुनवाई कर रहा है। इस दौरान डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को दिशानिर्देश भी दिए। लेकिन, इस पर अमल नहीं हो सका है।
सोमवार की सुबह तेज रफ्तार हाईवा ने मवेशियों के झूंड को कुचल दिया, जिससे 19 मवेशियों की मौत हो गई।
जनचौपाल योजना महज दिखावा
हाईकोर्ट के सख्त तेवर को देखकर प्रशासनिक अमला केवल योजना शुरू करने का दावा करता रहा है। प्रशासन ने पशु पालकों व ग्रामीणों को बेसहारा पशुओं की सुरक्षा को लेकर चौपाल के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने का दावा भी किया था। लेकिन, इस पर सही तरीके से अमल नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि अभियान के बाद भी दुर्घटना में कमी नहीं आ रही है।
मवेशी मालिकों पर FIR का प्रावधान, कार्रवाई नहीं बीते दिनों कलेक्टर अवनीश शरण व एसपी रजनेश सिंह ने पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक ली थी, जिसमें अधिकारियों को मवेशियों की सुरक्षा के सख्त निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने कहा था कि सड़क पर अगर किसी पशु पालक ने मवेशियों को बेसहारा छोड़ा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। एसपी रजनेश सिंह ने बेसहारा पशु के मालिकों की पहचान बताने वालें को नकद पुरस्कार दोने की घोषणा भी की है। लेकिन, इस आदेश पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
नाराज चीफ जस्टिस बोले- क्यों नहीं निकल रहा समस्या का हल
सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान 5 अगस्त को दिए गए आदेश के परिपालन में शपथ पत्र देने की जानकारी दी गई। हाईकोर्ट ने एनएच पर मवेशियों की वजह से होने वाली परेशानियों को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि हम एक साल से मॉनिटरिंग कर रहें हैं। फिर भी इस समस्या का अब तक कोई हल नहीं बताया जा सका है।