मानहानि मामले में राहुल गांधी को सूरत सेशंस कोर्ट से राहत नहीं मिली है। अदालत ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है। राहुल गांधी ने उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। बता दें कि सूरत की एक सत्र अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके चलते राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी। अब सेशंस कोर्ट से भी राहुल गांधी को निराशा हाथ लगी है। राहुल गांधी अब राहत के लिए उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं।
मानहानि केस में राहुल गांधी को लगा झटका, सूरत कोर्ट से खारिज हो गई याचिका
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए आज का दिन बेहद अहम है ‘मोदी’ सरनेम पर राहुल गांधी को कोर्ट से मिली सजा पर रोक से संबंधित उनकी याचिका पर आज अदालत अपना अहम फैसला सुनाई। इस मामले में राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा हुआ था और सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी खत्म हो गई थी। 3 अप्रैल को सूरत की सेशन कोर्ट ने कांग्रेस नेता को जमानत दे दी थी। इसके बाद उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने और दोष सिद्धी को लेकर दो याचिकाएं दायर की थी।
राहुल गांधी वायनाड से लोकसभा सांसद थे। लेकिन सूरत की एक निचली अदालत ने 23 मार्च को उन्हें मानहानि से जुड़े मुकदमे में 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी। राहुल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था। राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी के विधायक पुर्णेश मोदी ने केस दायर किया था। दोषसिद्धी वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई।
राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से राहत नहीं
राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से राहत नहीं मिली है। राहुल गांधी की याचिका सूरत कोर्ट से खारिज हो गई है। दोषसिद्धि पर स्टे लगाने के लिए राहुल गांधी ने यह याचिका लगाई थी। लेकिन उनकी यह याचिका अब खारिज हो गई है।
विवादित टिप्पणी को लेकर सूरत कोर्ट आज अहम फैसला अब से बस थोड़ी देर में सुनाने वाला है। राहुल गांधी को इस मामले में दोषी पाया गया था और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है। कांग्रेस नेता ने अपनी सजा के खिलाफ अदालत में अर्जी लगाई है। राहुल गांधी को दोषमुक्त किये जाने की अर्जी पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
मानहानि का केस उचित नहीं राहुल के वकील
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया था कि राहुल की मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस उचित नहीं था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि केस में अधिकतम सजा की भी जरूरत नहीं थी। सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा ने कहा था कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 में अपील लंबित होने पर सजा के निलंबन का प्रावधान है।
किस कानून के तहत गई राहुल की सदस्यता
सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी’ सरनेम से जुड़े एक मामले में कांग्रेस नेता को दोषी पाते हुए 2 साल केस की अधिकतम सजा सुना दी थी। उनको सजा सुनाने के बाद लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी संसद सदस्यता को भी रद्द कर दिया गया था।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हाई कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद
राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सियासत काफी गर्म हो गई थी। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आज उम्मीद थी कि राहुल गांधी को अदालत से राहत मिल सकती है। मगर अब हाई कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।