चार्टर प्लेन के दौर में भी जैन संत पैदल चलते हैं, महावीर स्वामी का त्याग स्तुत्य- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव दादाबाड़ी रायपुर में शामिल हुए मुख्यमंत्री

भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति के कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर। चार्टर प्लेन के इस सुविधा के दौर में भी जैन संत परंपरागत साधनों को त्याग कर पैदल चलते हैं। यह महावीर स्वामी का दिखाया हुआ अहिंसा और अपरिग्रह का रास्ता है। महावीर स्वामी का त्याग का रास्ता स्तुत्य है। भगवान महावीर के रास्ते पर दुनिया चलें तो सब जगह शांति होगी। अहिंसा ताकतवर और ज्ञानी लोगों का हथियार है। मनुष्य विवेकवान है और सोचता है, इसी वजह से विवेकी व्यक्ति हिंसा का रास्ता नहीं अपनाता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग के पुराने गंज मंडी प्रांगण में भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश भर में महावीर जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। यदि आप किसी बात से सहमत नहीं हैं आप क्रुद्ध हैं, तो आपको विचार कर सही समाधान तलाशना होगा। यह अनेकान्तवाद भगवान महावीर स्वामी का विचार है। सत्य कई रूपों में हो सकता है, हमें सबके विचारों का सम्मान करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महावीर कहते थे कि मानसिक हिंसा भी मत कीजिये। सबसे अच्छा व्यवहार करें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भगवान महावीर के जीवन से जुड़े हुए प्रसंग और शिष्यों से हुई उनकी चर्चा समाजजनों से साझा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवों के साथ महावीर स्वामी अहिंसा का भाव रखते ही थे, प्रकृति को सहेजने को लेकर भी उनके मन में गहरी भावना थी।

इस मौके पर विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल ने भी अपना संबोधन दिया। जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेन्द्र साहू, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष आर.एन. वर्मा, पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर सहित अन्य अतिथि कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष अजय श्रीश्रीमाल एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

भगवान महावीर के संदेश आज और भी अधिक प्रासंगिक: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज देर रात राजधानी रायपुर के एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में सकल जैन श्रीसंघ द्वारा आयोजित भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दादाबाड़ी परिसर स्थित जैन मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति से अध्यक्ष श्री मनोज कोठारी, श्री सुशील कोचर, श्री विजय गंगवाल, श्री पारस चोपड़ा सहित समिति के अनेक सदस्यगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान महावीर का जन्म समाज के कल्याण के लिए हुआ था। ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्होंने जो संदेश समाज को दिया वह आज और भी अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने हमें सिखाया कि प्रकृति से हमें उतना ही लेना चाहिए, जितनी हमें जरूरत है। इसका पालन नहीं करने का ही परिणाम यह हुआ कि आज ग्लोबल वार्मिंग से दुनिया परेशान है। भगवान महावीर का सबसे बड़ा संदेश अहिंसा का सिद्धांत है। भगवान महावीर का अहिंसा का सिद्धांत कमजोर लोगों का सिद्धांत नहीं है। यदि भगवान महावीर के सन्देश को विश्व अपना ले तो युद्ध न हों। आज भगवान महावीर के संदेश की आवश्यकता पहले से ज्यादा है। भगवान महावीर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। भगवान महावीर 26 सौ साल पहले जो बात कही, महात्मा गांधी ने उन्हीं के रास्ते पर चलकर अहिंसा की ताकत से देश को आजाद करा दिया। भारत एकमात्र देश है जिसकी आजादी की लड़ाई अहिंसा से लड़ी गयी। यह सिद्धांत भगवान महावीर द्वारा दिया गया। भगवान महावीर ने जीवों पर दया करने की बात कही। भगवान महावीर का संदेश विश्व कल्याण के लिए है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भी भगवान महावीर के रास्ते पर चल रही है। हम मजदूरों और किसानों की सेवा कर रहे है। जैन समाज एक व्यापारी समाज है। व्यापार व्यवसाय पिछले 4 सालों में लगातार बढ़ा है। लोगों को रोजगार मिल रहा है, व्यापार फल-फूल रहा है। छत्तीसगढ़ नक्सलवाद के नाम से जाना जाता था। बस्तर की धरती जिसकी पहचान हरियाली थी। वह रक्तरंजित हो गई थी। आज बस्तर में नक्सलवाद सिमट कर रह गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के एमजी रोड स्थित जैन दादबाड़ी में सकल जैन श्रीसंघ द्वारा आयोजित भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दादाबाड़ी परिसर स्थित जैन मंदिर में भगवान महावीर की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव समिति से अध्यक्ष मनोज कोठारी, सुशील कोचर, विजय गंगवाल , पारस चोपड़ा सहित समिति के अनेक सदस्यगण उपस्थित हैं।

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