धर्मांतरण और ज्ञानवापी पर मशहूर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का बड़ा बयान, कहा- कहीं भी जमीन खोदेंगे तो निकलेंगे शिव

रायपुर। देश के मशहूर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों रायपुर में हैं। यहां महा शिवपुराण का आयोजन किया गया है। रोजाना लाखों की भीड़ उमड़ रही है। इसी बीच शुक्रवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने धर्मांतरण और ज्ञानवापी विवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है पूरे विश्व में जहां भी जमीन खोदेंगे शिव ही निकलेंगे और धर्मांतरण करवाने वाले पर ऊपर से प्रेशर रहता है।

दरअसल 9 नवंबर से 13 नवंबर तक पंडित प्रदीप मिश्रा का रायपुर में महा शिवपुराण चल रहा है। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कई विषयों पर बयान दिया है। इसमें से सबसे ज्वलंत मुद्दा धर्मांतरण को लेकर है। उन्होंने कहा कि जो धर्मान्तरण करवा रहे हैं, पहले उनके माता पिता से पूछें कि वो कौन से धर्म से थे? उनके दादा-परदादा कौन से धर्म के थे? धर्मांतरण करवाने वालों को पंडित ने कहा कि ये उनकी विपरीत बुद्धि है, उन्हें ऊपर से प्रेशर रहता है, उन्हें इतना माल दिया जाता है कि उन्हें धर्मान्तरण कराना पड़ता है।

ज्ञानवापी पर क्या कहा

उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी विवाद पर भी पंडित प्रदीप मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रायपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिव शिव हैं. पूरे विश्व की भूमि को कहीं से भी खोदेंगे तो शिव निकलेंगे, बाकी मूर्तियां बाद में प्रकट हुईं लेकिन भगवान शिव का वर्चस्व प्राचीन समय से ही रहा है, निर्णय तो बाबा (भगवान शिव) ही देंगे।

साउथ की फिल्मों में सनातन धर्म को दर्शाया

पंडित प्रदीप मिश्र ने कहा कि, राजनीति में धर्म रहा है, चाहे केंद्र हो या राज्य। धर्म के अनुसार राजनीति को बढ़ाया जाए तो राजा और प्रजा दोनों सुखी होंगे। इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में धार्मिक दृश्यों पर कहा कि बॉलीवुड फिल्मों में आजकल ये चीजें कम हुई हैं लेकिन साउथ की फिल्मों में सनातन धर्म को ही दर्शाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म के सभी पुराण श्रेष्ठ हैं। पहले लोग केवल मंदिर जाते थे लेकिन अब विश्वास के साथ मंदिर जाते हैं।

पहले नहीं थे खाने के पैसे और पहनने के कपड़े

इसके अलावा पंडित प्रदीप मिश्रा ने कई और विषय पर बयाना दिया है। उन्होंने अपनी आर्थिक स्थति के बारे में भी बताया है। उन्होंने कहा कि पहले भोजन करने के भी पैसे नहीं थे, दूसरों के कपड़े पहनते थे। बहन की शादी थी तो सेठ के घर में भी शादी थी, हमने उनसे अनुरोध किया था कि डेकोरेशन रहने दीजिये, ये परिस्थितियां थीं। इसके बाद अब भोलेनाथ की कृपा इतनी है कि उन्होंने पेट तो भरा, साथ ही जीवन भी संवार दिया।

शिव को राम-कृष्ण का नशा

इसके अलावा पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव ने कोई नशा नहीं किया। उन्होंने चिलम और गांजा नहीं पिया है। जब विष की बूंदे उत्पन्न हुईं तो भांग उत्पन्न हुआ, वो भगवान शिव के नजदीक रखा हुआ है। वे उसका सेवन नहीं करते हैं। शिव जी कहते हैं कि मुझे राम और कृष्ण का नशा है।

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