शराब ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया सहित आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज

कोरबा। छत्तीसगढ़ के बड़े शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, बेटों और भतीजों के साथ-साथ गुर्गों के खिलाफ कोरबा पुलिस ने अपहरण, ब्लैकमेलिंग जैसी गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। इस महीने यह दूसरी एफआईआर है। इससे पहले बिलासपुर के तारबहार थाने में गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था।

जिले के मानिकपुर पुलिस चौकी में प्रदेश के बड़े शराब ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया और उनके रिश्तेदारों बबलू भाटिया, गुरविंदर सिंह भाटिया, प्रिंस भाटिया एवं सोना भाटिया, मुरारी सहित कुल 8 लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र रचने, अपहरण करने, भयादोहन कर धमकी देने की अलग-अलग धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

इस पूरे मामले की रिपोर्ट इंदौर निवासी अरविंद सिंह पनवार ने दर्ज कराया है। अरविंद सिंह का केबल का व्यवसाय है इस व्यवसाय को लेकर पिछले साल 2022 में अगस्त के महीने में अरविंद सिंह ने सेटअप बॉक्स क्लोनिंग कर फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्री थाना में दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच में अमोलक सिंह भाटिया और बबलू सिंह भाटिया का भी नाम संलिप्त पाया गया है। इसके बाद से इस केस को वापस लेने के लिए अरविंद सिंह पर दबाव बनाया जा रहा है।

इसी सिलसिले में 9 अप्रैल 2023 को अरविंद सिंह का गुरु घासीदास चौक में होटल आकाश के सामने एक स्कॉर्पियो में बंदूक की नोक पर अपहरण किया गया और केस वापस लेने के लिए धमकाने के साथ-साथ लाखों रुपए देने का प्रलोभन देते हुए भया दोहन किया गया। धमकी देते हुए उसे जबलपुर और फिर भोपाल बुलाकर वहां भोपाल के न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से दर्री थाना में दर्ज केस को वापस लेने के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाया गया है। फिलहाल कोरबा जिले के मानिकपुर चौकी पुलिस ने घटनास्थल अपने क्षेत्र में होने के कारण अरविंद सिंह की रिपोर्ट पर धारा 365, 384, 366, 506, 120 बी आईपीसी के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

मालूम हो हाल ही में अमोलक सिंह भाटिया के घर पर आईटी विभाग का छापा भी पड़ा था।जिसकी चर्चा काफी हुई थी। प्रदेश की वर्तमान सरकार में काफी पहुँच रखने वालों में अमोलक सिंह भाटिया का भी नाम लिया जाता है। केबल विवाद छत्तीसगढ़ में पहले भी होता आया है। भाटिया समेत कई शराब कारोबारियों के ठिकानों पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भी छापेमारी की थी। पिछले साल नवंबर में इन्कम टैक्स का भी छापा पड़ा था।

पिछले साल हुई थी शिकायत

केबल कारोबारी पनवार ने अपनी शिकायत में बताया था कि पिछले साल तीन अगस्त को सेटअप बॉक्स की क्लोनिंग और फर्जी आईडी बनाकर धोखाधड़ी करने की शिकायत की थी। इस पर दर्री थाने में जयपाल उर्फ विक्की गुलाटी, अंजन चौधरी, भास्कर चटर्जी, करन सिंह ठाकुर, उदय प्रताप सिंह, संतोष पटेल, प्रकाश गुप्ता, आशीष नामदेव, पुरुषोत्तम कर्ष, अजय गुप्ता, सतीश, वेदपुरी गोस्वामी, गंगापुरी गोस्वामी, राजीव पंजारिया और बृजेश यादव के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। पनवार के मुताबिक इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने अमोलक सिंह भाटिया, बबलू सिंह भाटिया आदि की संलिप्तता पाई थी. इसके बाद से अलग-अलग लोगों द्वारा केबल व्यवसाय को प्रभावित करने, दफ्तर में कब्जा करने जैसी दुर्भावना के साथ घटनाएं होने लगीं. इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दी थी. केस वापस लेने के लिए धमकी दी गई। पनवार ने बताया कि नीलेश दुबे नाम के व्यक्ति के जरिए कांफ्रेंस कॉल में गुरुविंदर भाटिया, प्रिंस भाटिया और सोना भाटिया ने बात की थी और केस वापस लेने के लिए दबाव डाला था। साथ ही, लाखों रुपए देने और किसी दूसरे स्थान पर नए सिरे से व्यवसाय शुरू करने का लालच भी दिया था।

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