इलाज में लापरवाही बरतने वाले चार डॉक्टर गिरफ्तार…जानिए पूरा मामला

बिलासपुर. इलाज में लापरवाही बरतने व सबूत मिटाने के लिए अपोलो अस्पताल में काम कर रहे चार डॉक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही अस्पताल प्रबंधन पर भी कार्यवाही की जाएगी. दरअसल, अपोलो हॉस्पिटल में इलाज करा रहे मृतक गोल्डी छाबरा के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टरों पर ईलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर अस्पताल प्रबंधन एवं ईलाज करने वाले डॉक्टरों पर अपराध दर्ज किया गया था.बता दें कि 26 दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल बिलासपुर से एक मेमो प्राप्त हुआ, जिसमें दयालबंद निवासी गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबड़ा द्वारा सल्फास पाइजनिंग से मृत्यु होने की जानकारी थी. इस पर थाना कोतवाली में मर्ग कायम कर जांच की गई. जांच के दौरान मृतक के परिजनों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन व संबंधित डॉक्टरों द्वारा ईलाज में लापरवाही बरतने और गलत उपचार करने की शिकायत की. जांच में मृतक का पोस्टमॉर्टम सिम्स अस्पताल बिलासपुर से कराया गया.मृत्यु के संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों द्वारा ईलाज के दौरान लापरवाही बरतने के संबंध में उल्लेख किया गया था. इस संबंध में डायरेक्टर संचालनालय मेडिकोलीगल संस्थान गृह (पुलिस) विभाग मेडिकोलीगल विशेषज्ञ एवं मेडिकोलीगल सलाहकार छत्तीसगढ़ शासन जेल रोड मेडिकल कालेज भवन रायपुर से 27.09.2023 को रिपोर्ट प्राप्त हुआ. रिपोर्ट में विशेषज्ञ ने डॉक्टर एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा लापरवाही किए जाने के संबंध में अलग-अलग बिन्दुओं पर उल्लेख किया गया है.

मर्ग जांच, मेडिकल बोर्ड, विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतक गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा की मृत्यु ईलाज के दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर एवं संबंधित डॉक्टरों की लापरवाही से होना पाया गया. इसके चलते सरकण्डा थाना में धारा 304ए, 201, 34 भादवि के तहत् अपराध दर्ज किया गया. अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टरों द्वारा ईलाज में लापरवाही करने के संबंध में विवेचना के दौरान डॉक्टर देवेन्द्र सिंह, डॉक्टर राजीव लोचन, डॉक्टर मनोज राय एवं डॉक्टर सुनील केडिया द्वारा ईलाज में लापरवाही बरतना पाया गया. शुक्रवार को चारों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अपोलो अस्पताल प्रबंधन व अन्य डॉक्टरों की लापरवाही के संबंध में जांच की जा रही है.

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