रेत तस्करी का पर्दाफाश करने पर बस्तर के चार पत्रकार आंध्र में गिरफ्तार, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही पहुंचे डिप्टी सीएम ने दिया जांच का आश्वासन

एसपी ने कोंटा टीआई को अटैच किया, रिहाई न होने पर पत्रकारों ने दी आंदोलन की चेतावनी

बस्तर के चार वरिष्ठ पत्रकारों पर कोंटा इलाके में रेत तस्करी का पर्दाफाश करने के बाद पुलिस ने गांजा तस्करी के आरोप में झूठा मामला दर्ज किया है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पत्रकारों में भारी आक्रोश है। आज गौरेला-पेंड्रा-मरवाही पहुंचे उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।

बस्तर/ छत्तीसगढ़ के कोंटा इलाके में रेत की अवैध तस्करी का पर्दाफाश करने के प्रयास में गए बस्तर के चार वरिष्ठ पत्रकारों पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। इन पत्रकारों में दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ के अध्यक्ष बप्पी राय और उनके तीन अन्य साथी शामिल हैं। पुलिस ने आरोप लगाया कि इन पत्रकारों के पास से गांजा बरामद हुआ है, जबकि पत्रकारों का कहना है कि यह उनके खिलाफ रची गई साजिश है। इस घटना से पूरे प्रदेश भर के पत्रकारों में रोष फैल गया है।

गौरतलब है कि बस्तर के ये पत्रकार आंध्र प्रदेश की सीमा पर हो रही रेत तस्करी की जांच करने पहुंचे थे। उन्होंने एक अवैध रेत से भरे ट्रक को पकड़ा और इसकी सूचना तुरंत कोंटा के थाना प्रभारी (टीआई) को दी। घटना के बाद, जब ये पत्रकार रात में होटल में रुके, तो किसी ने उनकी गाड़ी की डिक्की में गांजा रखवा दिया। अगले दिन सुबह, जब ये पत्रकार चाय पीने आंध्र प्रदेश के चट्टी पहुंचे, तो पुलिस उन्हें पकड़कर चिंतूर थाने ले गई और उन पर गांजा तस्करी का अपराध दर्ज कर लिया।

आज जीपीएम में इस मामले पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने बयान दिया है कि उन्होंने इस विषय में आईजी से बात की है और जांच के लिए कहा गया है। यदि पत्रकारों के साथ ऐसा हुआ है तो यह गलत है और मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। साथ ही, प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी इस घटना पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि पत्रकार हमारे समाज का चौथा स्तंभ हैं, उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।

पत्रकारों के आक्रोश को देखते हुए सुकमा के एसपी ने कार्रवाई करते हुए कोंटा के टीआई को लाइन अटैच कर दिया है और कलेक्टर ने रेत परिवहन पर रोक लगा दी है। इस मामले में आंध्र प्रदेश की पुलिस ने सभी पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे प्रदेशभर में पत्रकार समुदाय में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। वरिष्ठ पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि इन पत्रकारों को जल्द रिहा नहीं किया गया तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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